नई दिल्लीः अपने पालतू कुत्तों से जीते जी तो सब प्यार करते हैं, लेकिन मरने के बाद प्यार दोगुना हो जाये ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है. पूर्णिया जिले में एक पशु प्रेम की अनोखी तस्वीर नजर आई जहां एक परिवार ने अपने कुत्ते की मौत के बाद हिंदू रीति रिवाज से ना सिर्फ उसकी अंतिम विदाई की बल्कि पशु प्रेम की एक अनूठी मिसाल भी पेश की।

पूरे रीति रिवाज से निकाली अंतिम यात्रा-
पूर्णिया के रामनगर में समर शैल नेशनल पार्क के संस्थापक हिमकर मिश्रा ने फार्म के संरक्षण के लिए अनेक ब्रीड के कुत्ते पाल रखे हैं इनमें सबसे पहला और इनका सबसे चहेता कुत्ता था ब्राउनी. ब्राउनी पिछले 15 सालों से इनके पास था. लेकिन अब वृद्ध होने की वजह से उसकी मौत हो गई. ब्राउनी की मौत के बाद मिश्रा परिवार ने अपने चहेते कुत्ते का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करने का निर्णय लिया और उसकी अंतिम यात्रा निकाली।

ब्राउनी की याद में बनेगा स्मृति स्मारक-
हिमकर मिश्रा ने बताया कि जिस जगह ब्राउनी को दफनाया गया है, उस जगह उसकी याद में ब्राउनी स्मृति स्मारक भी बनाया जाएगा.हिमकर की माने तो ब्राउनी सिर्फ कुत्ता नहीं बल्कि फार्म का रक्षक भी था. वह हम सभी की जिंदगी का एक हिस्सा था, जिसने पूरी वफादारी और इमानदारी से फार्म की रक्षा की और कभी किसी से कोई शिकायत नहीं की।

रंग बिरंगे फूलों से सजेगा ब्राउनी पार्क-
ब्राउनी स्मारक स्थल को रंग बिरंगे फूलों से सजाकर ब्राउनी पार्क का नाम दिया जाएगा, जिसकी कवायद महज 8 दिनों के अंदर ही कर दी जाएगी. जो लोग आएंगे उन्हें स्मारक को दिखाने के साथ-साथ ब्राउनी के किस्से को भी सुनाया जाएगा. हिमकर मिश्रा ने बताया कि ब्राउनी इंडियन शीप ब्रीड का डॉग था.उनके घर के सदस्य जैसा था.ब्राउनी की मौत से पूरे परिवार में मायूसी छाई है।