नई दिल्ली : जिस अमेरिकी अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में हुई मौत को लेकर अमेरिका की सड़कों पर उग्र प्रदर्शन (America Protest) देखने को मिल रहा है, वो कोरोना वायरस से संक्रमित (Corona Positve) था। जी हाँ, जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report Of George Floyd) में इस बात का खुलासा हुआ है कि वो कोरोनो वायरस से संक्रमित था। फ्लॉयड ने करीब 2 महीने पहले कोरोना परीक्षण (Coronavirus Test) करवाया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि फ्लॉयड की मौत गले पर दबाब पड़ने की वजह से हुई। बता दें कि गिरफ़्तारी के बाद पुलिस के एक अधिकारी ने फ्लॉयड का सर घुटनों से दबा दिया था, जिसके बाद दम घुटने से उनकी मौत हो गई थी।
George Floyd के परिजनों का शांति मार्च, हिंसा न करने की अपील
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए करीब 60,000 लोगों के साथ शांतिपूर्ण मार्च किया, जिसमें गायक से लेकर नेता तक शामिल हुए। शांति मार्च में ‘हाथ उठाओ, गोली मत मारो’ और ‘न्याय नहीं, शांति नहीं’ के नारे भी लगाए गए। वहीं फ्लॉयड के परिजनों ने प्रदर्शनकारियों से उग्र न होने व हिंसा न करने की अपील भी की। बता दें कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने भी दुःख व्यक्त किया है।
उग्र प्रदर्शन से तार-तार हुई अमेरिका की शांति व्यवस्था
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका की सड़कों पर जारी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। उग्र प्रदर्शनकारी दुकानों को आग के हवाले कर रहे हैं और जमकर लूटपाट मचा रहे हैं। कोरोना के कारण अमेरिका की अर्थव्यवस्था पहले ही धड़ाम हो चुकी है, वही अब इस तरह के उग्र विरोध प्रदर्शन ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। जिस तरह के हालात अमेरिका में देखने को मिल रहे हैं, उसे देखकर तो यही लगता है कि हालातों के आगे ट्रम्प प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं।