International Nurses Day : महामारी के समय नर्स कर रहीं मिसाल कायम
आज 12 मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) मनाया जा रहा है। वैसे तो हमेशा ही नर्स स्वास्थ्य रख-रखाव के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्से की तरह जानी जाती रही हैं। लेकिन कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण जिस तरह की स्थिती इस समय दुनियाभर में बनी हुई है। वो बेहद ही भयावर है। ऐसे में नर्स और डॉक्टर एक अहम भूमिका निभा रहें है। जिसका कोई जवाब नहीं है। जहां लोग घरों में इस महामारी के कारण बंद हैं तो वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों इलाज कर रहे नर्स और डॉक्टरों ने एक अलग ही मिसाल कायम कर दी है। जो कि वाकई काबलिय तारीफ है।
नर्स दिवस के इतिहास की बात करें तो, अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के एक अधिकारी डोरोथी सुदरलैंड ने साल 1953 में पहली बार नर्स दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद साल 1965 में इस दिवस को पहली बार मनाया गया। जनवरी 1974 में हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा की गई।
12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था और उनके जन्म दिवस पर ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने का फैसला किया गया। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आज के दिन श्रद्धांजलि दी जाती है। बता दे कि एक नर्स के रुप में फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने बहुत सी अहम भूमिका निभाई है। वहीं हर साल भारत में राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार दिया जाता है। जिसकी शुरुआत भारत सरकार द्वारा साल 1973 में की गई थी। जहां इस पुरस्कार के जरिए नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान किया जाता है।