नई दिल्ली: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बदतर हालत का एक और सबूत सामने आया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व विधायक बलदेव कुमार को अपने परिवार समेत जान बचाकर भारत में आना पड़ा. उन्होंने भारत में राजनीतिक शरण की मांग की है. बलदेव खैबर पख्तून ख्वा विधानसभा में बारीकोट सीट से विधायक रहे हैं.
एक तरफ तो पाकिस्तान कश्मीर को लेकर इतनी चिंता कर रहा है कि जैसे कश्मीरियों पर ही अत्याचार हो रहे हैं और पाकिस्तान उनका हमदर्द बना बैठा है. उन पर आने वाली सारी परेशानियों का खुद सामना करेगा.लेकिन दूसरी और पाकिस्तान में तहरीर ए इंसाफ के पूर्व विधायक बलदेव कुमार परिवार समेत जान बचाकर भारत पहुंचे है. एक तरफ तो पाकिस्तान को कश्मीर की इतनी चिंता हो रही है. कि वो UNHRC में कश्मीरियों के हक के लिए आवाज उठा रहा है. दूसरी और उसकी खुद की पार्टी के पूर्व विधायक जान बचाकर भाग रहे हैं.. ये कैसी चिंता, ये कैसा न्याय, जिस पार्टी से खुद के कार्यकर्ता ही खुश नहीं है. वे दूसरों के लिए क्या आवाज उठाएंगे. पाकिस्तान कश्मीरियों के हक की ऐसे बात कर रहा है. जैसे कश्मीरी उनके लिए ही बैठे ही.कि पाकिस्तान के बिना उनका यहां कोई नहीं है.. लेकिन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से भी ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है. pok के तत्तापानी में लोग पाकिस्तान के तारीफों के पुलिंदे बांध रहे है.और वो तारीफ ऐसी ही कि वहां के स्थानीय लोग पुलिस और आर्मी के विरोध में सड़कों पर उतर कर पत्थरबाजी कर रहे है… प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए उनका विरोध कर रहे हैं.
पाकिस्तान से अपनी जान बचाकर भारत पहुंचे बलदेव सिंह ने पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार का पर्दाफाश किया है. बलदेव सिंह का कहना है कि उन्हें पाकिस्तान से अपनी जान बचाकर परिवार समेत भारत आना पड़ा. बलदेव सिंह पंजाब के खन्ना शहर में पहुंचे है.और अभी यहीं पर रहे हैं. बलदेव सिंह ने खन्ना पहुंचकर राजनीतिक शरण की मांग की है. बलदेव पाकिस्तान के खैबर पख्तून ख्वा विधानसभा में बारीकोट सीट से विधायक रहे हैं. वे सहजधारी सिख हैं.. साथ ही बलदेव सिंह ने बताया कि उन पर पाकिस्तान में एक अन्य विधायक की हत्या का झूठा आरोप लगाकर उन्हें 2 साल के लिए जेल में डाल दिया गया था. बलदेव सिंह पिछले महीने ही भारत पहुंचे है. और उन्होंने कुछ महीने पहले ही अपने परिवार को यहां पर भेज दिया तो. लेकिन अब बलदेव सिंह का कहना है कि वे अब वापस नही लौटना चाहते है… वे भारत में शरण के लिए जल्द ही आवेदन करेंगे. बलदेव सिंह का कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है.. हिंदू और सिख नेताओं की हत्या की जा रही है.
बलदेव कुमार तीन महीने के वीजे पर 12 अगस्त को भारत पहुंचे हैं. उन्होंने अटारी बॉर्डर से पैदल भारत में प्रवेश किया. लेकिन अब वे वापस नहीं लौटना चाहते है… बलदेव सिंह का कहना है कि उनके बुजुर्गों ने पाकिस्तान के लिए अनेक कुर्बानियां दीं, लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यक दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं. वे अपना सब कुछ छोड़कर यहां सिर्फ इसलिए आए हैं.. ताकि अपने और अपने परिवार की जान बचा सकें. बलदेव की शादी 2007 में खन्ना की रहने वाली भावना से हुई थी. शादी के समय वे पार्षद थे और बाद में विधायक बने. इन दिनों वे खन्ना के समराला मार्ग पर स्थित मॉडल टाउन में दो कमरों के किराये के मकान में अपने परिवार के साथ दिन गुजार रहे हैं.. उनका ससुराल परिवार भी मॉडल टाउन में ही रहता है.
बलदेव कुमार की पत्नी भावना अभी भारतीय नागरिक है और उनके बच्चे 11 वर्षीय बेटी रिया और 10 वर्षीय बेटा सैम पाकिस्तानी नागरिक है. बलदेव की बेटी रिया थैलसीमिया से पीड़ित है जिसका इलाज़ भारत में चल रहा है. बलदेव की माने तो पाकिस्तान में सेहत सुविधाएं ज्यादा अच्छी नहीं अगर कही है तो वहां इलाज़ काफी महंगा है. हर 15 दिन बाद उनकी बेटी का खून बदला जाता है..बलदेव का कहना है कि पाकिस्तान को इमरान खान से बहुत उम्मीदें थीं कि. वे एक नया पाकिस्तान बनाएंगे… लेकिन वे अपनी जनता की सुरक्षा करने में नाकाम रहे हैं. सेना और ISI इमरान पर हावी है. दूसरी तरफ भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बब्बर शेर की तरह हैं और उन्हें उम्मीद है कि मोदी उनकी मदद जरूर करेंगे।
बलदेव की पत्नी भावना और बेटी रिया का कहना कि पाकिस्तान में महिलाओं की हालत बद से बदतर है..वे अपनी मर्जी से घरों से बाहर भी नहीं जा सकती… नौकरी करना तो बहुत दूर की बात है… वहां के हालात देखकर ही शादी के बाद भी उन्होंने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी.. वही औरतो और बच्चियों का जबरन धर्मपरिवर्तन करवाया जाता है.
पाकिस्तान की काली करतूतों का पर्दाफाश तो धीरे धीरे हो रहा है.. एक हर जगह से फटकार खाने के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है… दुनिया के हर कोने से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ रही है… लेकिन फिर भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है.. और वहां पर किस तरह से अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है.. ये भी दिख रहा है.. कश्मीरियों के हक की आवाज उठाने का झूठा वादा बंद करे पाकिस्तान .