US IRAN Tension : तो ईरान ने अमेरिका से ले लिया Air Strike का बदला ?
नई दिल्ली : अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के बीच जारी तनाव (US IRAN Tension) कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ईरान ने आज अमेरिका से अपने जनरल (Qasem Soleimani) के मारे जाने का बदला ले लिया। जी हाँ, ईरान ने दावा किया कि उसने अमेरिकी सैन्य बेस (American Air Base) पर हमला किया, जिसमें 80 लोग मारे गए हैं। इस हमले का अमेरिका कैसे जवाब देता है ? इसको लेकर पूरी दुनिया में आशंकाएं बढ़ गई हैं।
US IRAN Tension : ईरान ने अमेरिका से लिया बदला !
ईरान ने बगदाद में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त हमला किया है। ईरान ने एक के बाद एक 22 मिसाइलें दागी। ईरान का दावा है कि इस हमले 80 लोग मारे गए हैं और मारे गए लोगों में एक भी ईराकी नागरिक नहीं है। हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खमेनेई ने कहा ये हमला अमेरिका के मुंह पर बड़ा तमाचा है। हम इस इलाके से अमेरिका को उखाड़ फेकेंगे। कुछ लोग सोच रहे हैं कि ईरान में आंदोलन खत्म हो चुका है, लेकिन रिवॉलूशन अभी जिंदा है। खमेनेई के संबोधन के दौरान ‘डेथ फॉर अमेरिका और डेथ फॉर इजरायल’ के नारे भी लगे।
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर ताजा हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि इससे कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी हमले से अपनी रक्षा जरूर करेंगे। हम आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे। ईरान ने अमेरिका को दोबारा हमला नहीं करने की चेतावनी भी दी है।
दुनिया पर मंडराया तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा
उधर अमेरिका रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि ईरान ने इरबिल और अल असद इलाके में मौजूद उन एयरबेस को निशाना बनाया, जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। इस बीच इराक में लड़ रहे ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को क्षेत्र से वापस जाने के लिए कहा है। ईरानी सैन्य बल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस का इस्तेमाल ना करने दें। खासकर इराक के बारे में कहा गया है कि अगर कोई मुल्क अपनी धरती को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल होने देता है तो उसको भी निशाना बनाया जाएगा। आपको बता दें कि ईरान की संसद ने अमेरिकी सेना और पेंटागन को आतंकवादी भी घोषित कर दिया है।
क्या अमेरिका में है ऑल इज़ वेल ?
अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हुए ईरानी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा ऑल इज़ वेल। हम हताहतों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं, लेकिन ट्रंप के बयान से साफ हो रहा है कि ऑल इज नॉट वेल, क्योंकि सब ठीक है तो हताहतों की जानकारी अबतक क्यों नहीं है। फिर ब्रिटेन और जर्मनी ने ईरानी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इससे भी यही लग रहा है कि ईरानी हमले से अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने ईरानी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक की है, जिसमें विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मौजूद थे। हालांकि, इस बैठक को लेकर अमेरिका की ओर से अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। व्हाइट हाउस की मानें तो राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हदम अल थानी से इराक और ईरान के मसले पर चर्चा की। यही नहीं ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भी फोन करके पश्चिम एशिया और लीबिया में सुरक्षा हालात पर बातचीत की।
अमेरिका ने ईरान-इराक से उड़ाने बंद की
अमेरिका और ईरान के बीच पैदा हुआ तनाव कितना ज्यादा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका की फेडरल एविएशन कमीशन ने ईरान, इराक और ओमान की खाड़ी की तरफ जाने वाले यात्री विमानों के लिए नोटाम यानि नोटिस टू एयरमैन जारी किया है। इसका मतलब है कि अमेरिका के यात्री विमान अब इन इलाकों के ऊपर से उड़ान नहीं भरेंगे। साफ है कि अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान के बड़े हमले के बाद विश्व युद्ध की आहट तेज हो गई है।