नई दिल्ली : सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले अवैध रूप से जम्मू में बसे रोहिंग्याओं की धरपकड़ के लिए प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। शनिवार को जम्मू पुलिस ने रोहिंग्याओं को मौलाना आजाद (एमए) स्टेडियम में तलब कर उनके पहचान पत्रों व संयुक्त राष्ट्र उच्चायोग की ओर से जारी रिफ्यूजी कार्ड की जांच की। पहले दिन 250 से ज्यादा रोहिंग्याओं की जांच की गई। इनमें अवैध मिले 168 रोहिंग्याओं को देर शाम बसों से हीरानगर जेल में बनाए गए होल्डिंग सेंटर में शिफ्ट किया गया। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, अवैध रूप से रह रहे लोगों को म्यांमार डिपोर्ट किया जाएगा। जम्मू में रोहिंग्याओं की धरपकड़ आगे भी जारी रहेगी। केंद्र सरकार ने पहले ही साफ किया था कि अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को पूरे देश से बाहर किया जाएगा।
दस्तावेज नहीं हैं मौजूद-
रोहिंग्याओं की बायोमीट्रिक जांच के साथ उनके पूरे रिकार्ड को शुरू से खंगाला जा रहा है। वह कहां से आए हैं? कौन उन्हें लाया और कुनबे में कितने लोग हैं, इन तमाम चीजों का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, इस दौरान अवैध मिले रोहिंग्याओं के पास वैध यात्रा दस्तावेज नहीं थे।
250 से ज्यादा रोहिंग्या को बुलाया
जम्मू पुलिस ने तड़के ही एमए स्टेडियम को सील कर दिया था। मुख्य गेट के बाहर पुलिस के साथ सीआरपीएफ की भी तैनाती कर दी गई। सुबह करीब नौ बजे 250 से अधिक रोहिंग्याओं को बुलाया गया था। सभी अपने पहचान पत्र व रिफ्यूजी कार्ड के साथ आए थे। कई रोहिंग्याओं को पुलिस खुद भी लेकर आई थी। स्टेडियम के अंदर जहां रोहिंग्याओं की जांच की जा रही थी, वहां पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के अलावा किसी को भी जाने नहीं अनुमति नहीं थी।
हीरानगर जेल कराई खाली
सूत्रों के अनुसार, कठुआ की हीरानगर जेल में करीब 175 कैदी थे, जिन्हें 24 फरवरी को कठुआ और जम्मू जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। पुलिस प्रशासन ने इस कार्रवाई के लिए पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी।