नई दिल्ली- देश के हर वर्ग को आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं। मोदी सरकार ‘2.0’ इस बार के बजट में किस तरह आर्थिक क्षेत्र का रोडमैप बनाती है। इन तैयारियों का खाका इस बजट में सामने आएगा। बीते दिनों लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साझा किया था कि ज्वैलरी सेक्टर में सोने पर इंपोर्ट घटाने की मांग लगातार उठाई जा रही है। इस पर विचार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा की वित्त मंत्रालय बजट की तैयारियों में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के सभी प्रस्तावों की समीक्षा कर रहा है। वित्त मंत्री के इस बयान के बाद यह उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार आगामी बजट में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती कर सकती है।
बजट के बाद सस्ती होगी ज्वेलरी?
बता दें कि मौजूदा समय में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी है। इसके अलावा ज्वैलरी पर तीन फीसदी का GST भी चार्ज किया जाता है। ज्वेलर्स की माने तो इंपोर्ट ड्यूटी ज्यादा होने की वजह से सोने की तस्करी काफी बढ़ गई है। ऐसे में उनकी मांग है कि गोल्ड पर ड्यूटी घटाई जाए। इससे बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान और दूसरे देशों से स्मगलिंग के जरिए सोना देश में आ रहा है, जिसकी वजह से भारत को ड्यूटी के मोर्चे पर काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगर सरकार आगामी बजट में इंपोर्ट ड्यूटी को 10 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करती है, तो तस्करी पर लगाम लगाया जा सकता है।
‘रोजगार को बढ़ावा मिलेगा’
वहीं, माना यह भी जा रहा है कि गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के चलते रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार इस बार के बजट में ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकती है। जहां एक ओर सोने पर इंपोर्ट घटाने की मांग हो रही है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का विरोध भी कर रहे हैं। सोने पर इंपोर्ट में कटौती का विरोध करने वालों का मानना है कि मौजूदा समय में गोल्ड के इंपोर्ट में इज़ाफा हो रहा है और ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती जैसा कदम देश के लिए घातक हो साबित हो सकता है।