रश्मि सिंह|Kerala: केरल की जिलुमोल एम.थॉमस बिना दोनों हाथों के पैदा हुई एक लड़की जिसका सपना था कि वह गाड़ी चलाए। उसका सपना अब पूरा हो गया है, उनको ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया है। लेकिन उनको पिछले 6 साल से अथक प्रयास के बाद अब जाकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने खुद 32 वर्षीय विकलांग जिलुमोल एम.थॉमस को ड्राइविंग लाइसेंस का दस्तावेज सौंपा जिलुमोल, जो बिना हाथों के पैदा हुई थी। वो हमेशा अपने पैरों का इस्तेमाल करके कार चलाने का सपना देखा था, लेकिन उसके अनुरोध को तकनीकी आधार पर चुनौती दी गई थी।
Meet Jilumol Mariet Thomas, from Kerala. She born without hands. She is first Indian female driver without hands. pic.twitter.com/ERVgcMNCv3
— Hasnain Nangyal (@NangyalHasnain) August 2, 2022
Courtesy: Hasnain Nangyal Twitter Handle
जिलुमोल पैरों से चलाती हैं गाड़ी
आपको बता दें कि, जिलोमोल को इसलिए लाइसेंस नहीं दिया जा रहा था क्योंकि उनके दोनों हाथ नहीं थे। हालांकि जिलुमोल को गाड़ी चलाना आता है, वो अपने हाथों से नहीं बल्कि दोनों पैरों से गाड़ी चलाती है। उन्होंने अपनी गाड़ी में एक खास तरह की सेटिंग कर रखी है जिससे ब्रेक, क्लच और स्टेयरिंग उनके पैरों के एकदम पास रहती है। ऐसे में जिलोमोल आसानी से गाड़ी चला लेती है।
लाइसेंस मिलने से खुश हैं जिलुमोल
फ्रीलांस डिजाइनर थॉमस ने कहा, आवाजाही मेरी सबसे बड़ी बाधा थी और अब मैं उत्साहित हूं क्योंकि मुझे लाइसेंस मिल गया है। इस तरह मैंने अपनी सबसे बड़ी बाधा पार कर ली है। पहली बाधा तब दूर हुई थी जब एर्नाकुलम जिले के वदुथला में एक ड्राइविंग स्कूल उसे एक छात्र के रुप में पंजीकृत करने के लिए सहमत हो गया।
Applauding the indomitable spirit of Jilumol Mariet Thomas! Despite being born without a functional pair of hands, she triumphs in obtaining her driving license. A moment of pride as I handed over her license at #Navakeralasadas in Palakkad today. Jilumol’s determination is truly… pic.twitter.com/fwfUYnFQ09
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) December 2, 2023
Courtesy: Pinarayi Vijayan Twitter Handle
धारणाओं को गलत साबित किया
ड्राइविंग स्कूल के मालिक जोपान ने कहा, हम आश्वस्त नहीं थे, लेकिन उसने अपने धैर्य, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता से हमारी धारणाओं को गलत साबित कर दिया। बहुत जल्द हमें एहसास हुआ कि वह ऐसा कर सकती है। कोच्चि में वीआई इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, जिसने सहायक तकनीक का उपयोग करके उनकी 2018 मारुति सेलेरियो में वांछित इलेक्ट्रॉनिक संशोधन किया, वो भी उनकी उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसे राज्य दिव्यांग आयोग से भी बहुत बड़ा समर्थन मिला, जिससे लाइसेंस के लिए मंजूरी देने के लिए मोटर वाहन विभाग को निर्देश दिया।