रश्मि सिंह|Kali Chaudas 2023: दिवाली से एक दिन पहले काली चौदस, नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाते है। इस दिन यमराज, मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के दिन भगवान राम रावण का वध करके 14 वर्षो का वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे। उनकी वापस आने की खुशी में ही दिवाली मनाया जाता है। हनुमान जी के अपने समर्पण और भक्ति से श्री राम को प्रसन्न कर लिया था। इसी के कारण राम जी ने उन्हें आशिर्वाद दिया था कि संसार में उनकी पूजा करने से पहले उनके परम भक्त हनुमान जी की पूजा की जाएगी बस इसी के कारण दिवाली से करने से पहले उनके परम भक्त हनुमान जी पूजा की जाएगी। बस इसी के कारण दिवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की विधिवत पूजा की जाती है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
कार्तिक की अमावस्या मां काली पूजा के लिए विशेष
आज छोटी दीपावली के दिन मध्य रात्रि को अमावस्या तिथि लग जाएगी और कार्तिक मास की यह अमावस्या तिथि साल की सबसे घनी अमावस्या की तिथियों में से एक होती है। मां काली की साधना के लिए धार्मिक ग्रंथों में अमावस्या की तिथि को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। कार्तिक मास की अमावस्या साल की सबसे घनी अमावस्या होने के कारण यह मां काली की पूजा अर्चना करने के लिए और भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस लिए इसे काली चौदस कहा जाता है।
काली चौदस का महत्व
मां काली देवी शक्तियों में से एक हैं। इनका स्वभाव उग्र है और इनकी उपासना से शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि काली चौदस में मां काली की पूजा करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है, रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं और जीवन में नकारात्मक विचारों से छुटकारा मिलता है। मां काली अपने भक्तों के ऊपर एक भी आंच नहीं आने देती हैं। देवी का यह स्वरूप सबसे शक्तिशाली है। मां काली ने अनेक राक्षसों का वध किया है और सारे देवता इनके आगे नत्मस्तक होते हैं। काली चौदस के दिन जो भी मां की पूजा करते हैं उनकी हर मनोकामना शीघ्र पूर्ण हो जाती है और वह शत्रु बाधा से भी मुक्त हो जाते हैं।
काली चौदस कब से कब तक
हिंदू पंचांग के अनुसार 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 59 मिनट पर चतुर्दशी तिथि आरंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो रही है।
हनुमान पूजन पर बन रहा है शुभ
11 नवंबर को काली चौदास के दिन प्रीति योग बन रहा है, जो काफी शुभ योग माना जाता है। इस योग में कोई भी काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बता दें कि प्रीति योग 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 4 मिनट से आरंभ होगा, जो 11 नवंबर को शाम 4 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा।
हनुमान जी की पूजा की विधि
काली चौदस के दिन नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर लें, इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। फिर एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ती रख लें। सबसे पहले पुष्प की मदद से जल से आचमन करें। इसके बाद अनामिका अंगुली से हनुमान जी को रोली, कुमकुम आदि लगाएं। इसके साथ ही फूल, माला आदि अर्पित करें, इसके साथ ही बूंदी के लड्डू या फिर कोई अन्य मिठाई का भोग लगाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाने के साथ विधिवत हनुमान चालीसा, मंत्र का पाठ करे और साथ ही हनुमान जी की आरती कर लें।