नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण को हराने के लिए टीकाकरण पर जो दे रही दिल्ली सरकार अब इस अभियान को युद्धस्तर पर चलाने की तैयारी में है। इसी क्रम में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वैक्सीनेशन प्रक्रिया की बैठक में निर्णय लिया है कि 45 प्लस आयु वर्ग के लोग अब बिना रजिस्ट्रेशन करवाएं सीधे वैक्सीनेशन केंद्रों पर जाकर टीका लगवा पाएंगे। वैक्सीनेशन केंद्रों पर ही उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
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बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि वैक्सीनेशन केंद्रों को अस्पतालों से शिफ्ट कर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में खोला जाएगा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों के लिए 3 मई से वैक्सीनेशन केंद्रों की शुरुआत की गई थी। इसके बेहतर परिणामों को देखते हुए सरकार ने 45 प्लस आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन केंद्र सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।
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वैक्सीनेशन केंद्रों की संख्या जल्द बढ़ाएगी सरकार
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार बहुत जल्द वैक्सीनेशन केंद्रों की संख्या बढ़ाने वाली है। दिल्ली के हर हिस्से में वैक्सीनेशन केंद्र और वैक्सीन का सामान वितरण होगा ताकि कम समय में ज्यादा नागरिकों को वैक्सीन लगाई जा सके। वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार लगातार केंद्र से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग कर रही है। दिल्ली सरकार का दावा है कि यदि उन्हें पर्याप्त वैक्सीन उपबल्ध करा दी जाए तो वह तीन महीने के भीतर पूरी दिल्ली को वैक्सीन लगा देंगे।
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‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में राज्यों को वैक्सीन के लिए न भेजे केंद्र’
गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि कोविड के टीकों के लिए राज्यों के, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से झगड़ने और प्रतियोगिता करने से भारत की छवि खराब होती है। उन्होंने दिल्ली और कई अन्य राज्यो में टीकों की खुराकों की कमी की पृष्ठभूमि में कहा कि केंद्र को राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए।
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‘भारत सरकार करे अंतरराष्ट्रीय बाजार से वैक्सीन की खरीद’
भारतीय राज्यों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से प्रतियोगिता करने या लड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से, महाराष्ट्र ओडिशा से, ओडिशा दिल्ली से लड़ रहा है। भारत कहां है? भारत की कितनी खराब छवि बनती है। भारत को एक देश के तौर पर सभी भारतीय राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए।