नई दिल्ली : दिल्ली के चांदनी चौक में 50 साल पुराने मंदिर के स्थान पर स्थानीय लोगों ने रात में फिर से हनुमान मंदिर स्थापित कर दिया। मंदिर के बनाए जाने का पता शुक्रवार को चला। जहां पर हनुमान जी की पुरानी मूर्ति रखी मिली, जो की पहले वाले मंदिर में रखी थी। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्टोर से रात को ही मूर्ति को लाया गया। उसके बाद मंदिर का निर्माण किया।
चांदनी चौक हनुमान मंदिर
एक दिन पहले ही मंदिर को स्थापित किया गया। लेकिन किन्ही कारणों से उस दिन उसे पुरा नही किया जा सका। वहीं, स्थानीय लोगों ने मिलकर बृहस्पतिवार रातभर में स्टील और लोहे से दूसरा हनुमान मंदिर बना दिया था। हैरानी की बात है कि रातभर में ही मंदिर को लोहे और स्टील से बना दिया गया लेकिन पुलिस प्रशासन को इसका बात का पता नहीं चला। सुबह लोगों ने पहले मंदिर पहुंचे दर्शन किए फिर जय श्रीराम और बजरंग बली के नारे लगाए।
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मंदिर तोड़ा नहीं गया, बल्कि यहां से हटाया गया
उत्तर दिल्ली नगर निगम ने सफाई दी थी कि मंदिर तोड़ा नहीं गया, बल्कि यहां से हटाया गया है। यहां पर मंदिर हटाने के दौरान नगर निगम ने पीपल का पेड़ भी काट दिया गया था। वहीं, इसकी जानकारी मिलते ही उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश ने ट्वीट किया- ‘चांदनी चौक में विराजे पवनसुत हनुमान मंदिर में आशीर्वाद प्राप्त करने पहुचे।वहीं, जनवरी में मंदिर तोड़े जाने पर लोगों का कहना था कि जब अन्य धार्मिक स्थानों के लिए छूट मिल रही है तो मंदिर ही क्यों तोड़ा गया।
लोगों ने आरोप दिल्ली पुलिस प्रशासन पर लगाया कि तड़के मंदिर को तोड़ा फिर वहां रखी मूर्तियों और अन्य चीजों को पास के मंदिर में रख दिया। जिस के बाद तोड़ फोड़ से निकले मलबे को भी हटा दिया गया। उसके बाद कुछ ही घंटो के अंतराल पर ही सड़क भी बना दी गई। जिस से मंदिर होने का कोई सबूत ना मिल सके। उसके बाद स्थानीय लोग सुबह यह नजारा देखकर लोग दंग रह गए।
मंदिर मुख्य मार्ग के बीच में स्थापीत था
हनुमान मंदिर चांदनी चौक के मुख्य मार्ग के बीच में स्थापीत था। जिस के चलते सड़क निर्माण में दिक्कत आ रही थी। चांदनी चौक इलाके में प्राचीन हनुमान मंदिर तोड़े जाने के मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा तो विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हंगामा कर किया। इस के बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा था कि उन्होने उपराज्यपाल से कहा है कि वे उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाकर मंदिर को दुबरे से बनवाने की अनुमति ले कर फिर से उसे दोबारा स्थापित करे।