नई दिल्ली : चीन की संसद ने 14वीं पांच वर्षीय योजना पर अपनी मुहर लगा दी है। उस ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद बांध निर्माण के प्रस्ताव को पास कर दिया है। जिस में अरबों डॉलर की कई बड़ी परियोजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है । तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर जल विद्युत परियोजना अरुणाचल प्रदेश की सीमा के समीप प्रस्तावित है। भारत इस पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा चुका है।
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पांच वर्षीय योजना
चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने14वीं पांच वर्षीय योजना को मंजूरी दी है। संसद सत्र के अंतिम दिन पारित की गई इस योजना में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के साथ ही वर्ष 2035 तक के दीर्घकालीन लक्ष्यों का जिक्र किया गया है। पांच वर्षीय योजना में चीन के विकास संबंधी 60 प्रस्तावों का खाका भी रखा गया है। इस योजना पर मुहर लगाने के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली कछ्यांग भी मौजूद रहे थे। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस प्रस्ताव को पिछले ही पारित कर चुकी है। हाल में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन शी डल्हा ने चीनी सरकार से ब्रह्मपुत्र नदी पर जल विद्युत परियोजना का निर्माण जल्द शुरू करने की मांग की थी।
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पर्यावरणीय प्रभाव
उन्होंने ने ‘परियोजना के लिए पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन जल्द पूरा पहले ही कर लिया है। वही इसी वर्ष निर्माण शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। तिब्बत में सांग्पो के नाम पहचानी जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रस्तावित जलविद्युत परियोजना से भारत अपनी चिंता पहले ही कर चूका है। यह आशंका है कि परियोजना के निर्माण से नदी के बहाव में बाधा आ सकती है। जिसे भारत के उन क्षेत्रो में सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है, जहां से यह नदी बह रही है।