नई दिल्लीः देश में इस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है. लेकिन इसके आड़ में कुछ लोगों धोखाधड़ी देने का भी काम कर रहे हैं. नोएडा से ऐसी ही एक खबर सामने आई है, जहां फ्री वैक्सीनेशन के नाम पर लोगों को ‘फर्जी’ वैक्सीन लगाई जा रही थी. फिलहाल, पुलिस ने गोपाल पैथोलॉजी लैब पर छापा मारकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया.
फर्जी वैक्सीन बिना अनुमति कर रहे थे ट्रायल
दरअसल, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में दादरी पुलिस ने पांच लोगों को बिना मान्यता प्राप्त वैक्सीन का इस्तेमाल करते धर दबोचा है. ये लोग बिना किसी अनुमित के जाइड्स कंपनी (Zydus Cadila) की वैक्सीन का ट्रायल कर रहे थे. साथ में लोगों को फ्री वैक्सीन के नाम पर बेवकूफ भी बना रहे थे.
1000 लोगों को लग चुका वैक्सीन
जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की, तो चौकाने वाला मामला सामने आया. दरअसल, आरोपियों ने बताया कि दादरी में ये लोग 18 लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं. वहीं, ग्रेटर नोएडा में हजारों लोगों को ये ‘फर्जी’ वैक्सीन लगाई जा चुकी है. खास बात है कि गोपाल पैथोलॉजी लैब के तहत ये लोग लंबे समय से कोरोना वैक्सीन का कैंप लगा रहे हैं, लेकिन किसी को खबर तक नहीं हुई. फिलहाल, 5 लोगों से वैक्सीन समेत सारे सामना जब्त कर लिए गया है और पूछताछ जारी है.
सिर्फ दो वैक्सीन को मिली भारत में मंजूरी
आपको बता दें कि भारत सरकार ने देश में सिर्फ दो वैक्सीन को ही लगाने की इजाजत दी है. सबसे पहली वैक्सीन Covishield है, जिसे पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है. दरअसल, ये ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में विकसित हुई AstraZeneca वैक्सीन है. इसके अलावा भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन Covaxin को भी आपातकाल में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. हालांकि, अभी फ्री वैक्सीनेशन कार्यक्रम में प्रमुखता से Covishield का ही इस्तेमाल किया जा रहा है.