नई दिल्ली : भारत एक कृषि प्रधान देश है। ऐसे में हर साल देश के किसान सरकार से आस लगाकर बैठते हैं कि सरकार उनके लिए कुछ करेगी। इस बार के वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं।
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किसानों के हित में हो सकते हैं कुछ बड़े फैसले
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार सरकार किसानों के हित में कुछ बड़े फैसले लेने का विचार कर रही हैं। दरअसल केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कारण हुए वित्त नुकसान की भरपाई करने के लिए किसानों के एग्रीकल्चर लोन को बढ़ाने का विचार कर रही है। वहीं इस वक्त चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार एग्रीकल्चर लोन का लक्ष्य 15 लाख करोड़ से बढ़ाकर 19 लाख करोड़ करने की सोच रही है। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक की पुनर्वित्त योजना का विस्तार किया गया है। जिससे कृषि कर्ज प्रवाह में हर साल इजाफा हुआ है।
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हर साल लक्ष्य से ऊपर ही दिया जाता है लोन
आपको बता दें कि सरकार कृषि लोन के लिए हर साल जितना लक्ष्य रखती है हर साल उससे ऊपर ही लोन दे दिया जाता है। वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि लोन का लक्ष्य 10 लाख करोड़ था लेकिन किसानों को 11.68 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। वहीं 2016-17 में लोन का लक्ष्य 9 लाख करोड़ लेकिन जब इस लोन का वितरण हुआ तो 10.66 लाख करोड़ पहुंच गया।
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देश का सबसे सस्ते ब्याज दर पर मिलने वाला लोन
हालांकि, ये बात किसी से छिपी नहीं है कि जब भी हम बैंक से सामान्य तौर पर लोन देते हैं। तो उसके लिए हमें 9 फीसदी ब्याज चुकाना पड़ता है लेकिन जब कोई भी किसान कृषि लोन के लिए अप्लाई करता है तो उसे ब्याज के तौर पर 9 फीसदी की जगह मात्र 4 फीसदी ब्याज चुकाना पड़ता है। ऐसे में किसान काफी कम ब्याज के साथ अपने काम को पूरा कर लेता है। ऐसा इसलिए भी किया जाता है ताकि किसान अपनी खेती की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकें। इससे किसानों को काफी फायदा भी होता है। परन्तु फिलहाल इस वक्त देश के किसान सरकार से काफी रूठे हुए हैं ऐसे में सरकार इस दांव को चल सकती है। इस वक्त अभी किसान क्रेडिट कार्ड पर ईमानदार किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी ब्याजदर पर मिलता है। ये भारत देश का सबसे सस्ते ब्याज दर पर मिलने वाला लोन है।