नई दिल्ली : बिहार में सोशल मीडिया पर अंट-शंट टिप्पणी को अब नहीं बक्शा जाएगा। बिहार में अगर कोई सोशल मीडिया यूजर किसी सांसद, विधायक या अफसर के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह जानकारी बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी के तरफ से जारी पत्र में दी गई हैं।
कानूनी तौर पर है जुर्म -बिहार पुलिस
साथ ही पत्र में बिहार पुलिस ने लिखा कि ऐसे कई मामले देखे गए हैं कि सोशल मीडिया पर सरकार, मंत्री, सांसद, विधायक एवं सरकारी पदाधिकारियों के संबंध अपमानजनक और भ्रामक भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। यह कानूनी तौर पर जुर्म है और साइबर अपराध के अंतर्गत शामिल है। यदी ऐसा कोई भी मामला सामने आता है तो आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना को इसकी सूचना दें ताकि दोषियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
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जेडीयू ने बिहार पुलिस के फैसले का स्वागत किया
वहीं, जेडीयू ने इस फैसले को स्वागत योग्य कदम बताया है। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है, अभद्र भाषा और अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। हमारी सरकार ने इसे रोकने के लिए कदम उठाया है, जिसकी सराहना होनी चाहिए।
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बीजेपी ने सभी के लिए एक क़ानून बनाने की मांग की
जबकि, बीजेपी ने इस मुद्दे पर आर्थिक आपराधिक इकाई से स्पष्टीकरण मांगने की सलाह दी। प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि राजनीतिक कारणों से एक-दूसरे के चरित्र हनन करके सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है। बीजेपी ने सभी के लिए सोशल मीडिया पर एक नियम-क़ानून बनाने की मांग की।