नई दिल्ली: बिहार, पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के जनता दल यूनाइटेड में जाने की चर्चा इन दिनों खुब हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि दोनों दल के नेताओं में बातचीत लगभग तय हो गई है। बस तय समय का इंतजार हो रहा है। दोनों दलों के नेताओं के बयानों के बाद से इस चर्चा को और बल मिल रहा है।
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बिहार : इससे पहले दो बार अलग हो चुके है कुशवाहा
ज्ञात हो कि उपेंद्र कुशवाहा का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रहने और उनसे जुदा होने का कोई यह पहला मौका नहीं है। कुशवाहा ने अपनी राजनीतिक पारी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही शुरू की थी। उसके बाद कुशवाहा इससे पहले दो बार अलग हो चुके है। बता दें कि नवंबर 2009 में उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी राष्ट्रीय समता पार्टी का विलय जेडीयू में किया था। कुशवाहा हालांकि अब कह रहे है कि वे नीतीश कुमार से कभी अलग नहीं हुए।
कुशवाहा कई बार कोशिश कर चुके
इस विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद दोनों दलों को एक-दूसरे की याद आ गई। विधानसभा चुनाव में रालोसपा का सफाया हुआ तो जेडीयू को भी अपेक्षित सीटें नहीं मिली। जिसके बाद दोनों दलों के नेता एक-दूसरे की जरूरत बन गए हैं। इस बीच, चुनाव के बाद कुशवाहा ठंड की सर्द रातों में नीतीश के दरबार में तीन बार पहुंचकर दोनों दलों के बीच जमी बर्फ को पिघलाने की शुरुआत कर दी।
कुशवाहा फिर से तलाश रहे है राजनीति जमीन
उल्लेखनीय है कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार जेडीयू को फिर से मजबूत संगठन और जनाधार की जमीन तैयार करने की कोशिश में लगे हैं। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को भी राजनीति में अपनी जमीन की फिर से तलाश है।
जेडीयू में आते हैं तो स्वागत है
जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी कह चुके हैं कि उपेंद्र कुशवाहा अगर जेडीयू में आते हैं तो उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और कुशवाहा पहले से ही मित्र हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी हमलोग एक साथ काम कर चुके हैं। वे कभी भी हमसे दूर नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति के लिए भी यह अच्छा होगा।
नीतीश कुमार से मिल रहै है विपक्षी दलों के विधायक
कुशवाहा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद उन्हें बड़ा भाई बताते रहे हैं। उधर, इस मामले में दोनों दलों के नेता हालांकि अभी तक कुछ भी खुलकर अधिकारिक रूप से नहीं बोला है। ज्ञात हो कि बहुजन समाज पार्टी के बिहार में एकमात्र विधायक जमां खां जेडीयू में शामिल हो चुके है। लोजपा के विधायक भी जेडीयू के नेता से मिल चुके हैं।
बिहार में ओवैसी के पांच विधायक भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल चुके हैं। जेडीयू के नेता विपक्षी दलों के विधायकों के संपर्क में होने का दावा भी करते हैं।
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