बलिदान देने वाले दो रणबांकुरों को सेना ने सोमवार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी
जम्मु-कश्मीर : जम्मु-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में सीमा पार पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी में भारत के दो जवान रविवार तड़के शहीद हो गए थे। मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले दो रणबांकुरों को सेना ने सोमवार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
बीना किसी उकसावे के पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलाबारी
बीना किसी उकसावे के पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलाबारी में हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राईफलमैन गमिल कुमार श्रेष्ठ घायल हो गए थे। उन्हे तुरंत स्थित फील्ड हॉस्पिटल पहुंचाया गया लेकिन दुर्भाग्य से दोनों को बचाया नहीं जा सका।
सोमवार को दोनों शहीदों को बीबी कैंट में श्रद्धांजलि दी गई
सोमवार को दोनों शहीदों को बीबी कैंट में श्रद्धांजलि दी गई। बता दें कि सेना के अलावा अन्य सुरक्षा बल समेत,चिनार कोर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल जी एस कहलों, अधिकारियों ने जवान हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ को अंतिम श्रद्धांजलि देकर विदाई दी।
पदम बहादुर श्रेष्ठ के परिवार में पत्नी, एक बेटी और दो बेटे
बता दे कि हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ 38 साल के थे और 2001 में सेना में शामिल हुए थे। वो मूल रूप से असम के गोलाघाट जिले की धनसिरी तहसील के दिघाली पत्थर गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटी और दो बेटे है.
राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ के परिवार में माता-पिता
वहीं राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ 21 साल के थे उन्होंने 2017 में सेना ज्वॉइन की।वो मूल रूप से नेपाल के लुम्बिनी जोन के पाल्पा जिले रामपुर गांव के रहने वाले थे। हैं उनके परिवार में माता-पिता ।