नई दिल्लीः आक्सीजन की कमी से अब पंजाब के लोग भी परेशान हैं, पंजाब के अमृतसर स्थित नीलकंठ अस्पताल में शनिवार सुबह आक्सीजन की कमी से छह लोगों की मौत हो गई। इसके बाद मृतकों के परिजन मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। स्वास्थ्य विभाग की टीम का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
बता दें की एक महिला मरीज के परिजन ने बताया कि उनकी सास कोरोना से संक्रमित थी। डॉक्टरों ने कल ही उनसे साइन करवा दिए थे। कागज पर लिखा था कि अस्पताल में आक्सीजन की कमी है और यदि इसकी कमी की वजह से मरीज को नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा।वहीं, इतनी बड़ी घटना के बाद न तो स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी यहां पहुंचा और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
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प्रशासन पर आरोप
बीते शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैरा से मुलाकात कर साफ कहा था कि अस्पतालों में आक्सीजन की कमी है और इससे मरीजों का नुकसान हो सकता है, इसलिए आक्सीजन की व्यवस्था करवाई जाए। वहीं, नीलकंठ अस्पताल के एमडी सुनील देवगन ने प्रशासन पर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार प्रशासन सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित बना रहा है, लेकिन निजी अस्पतालों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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आक्सीजन सप्लाई की मांग
हमारे पास आक्सीजन का स्टाक नहीं है। हम मरीज को यहां दाखिल करने से इन्कार कर रहे हैं, लेकिन मरीज जब जिद पर अड़ जाता है तो हम उनसे लिखित में लेते हैं कि आक्सीजन की कमी की वजह से कोई हादसा हुआ तो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा। बता दें, कल ही पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई वर्चुअल समीक्षा बैठक में राज्य में आक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री ने उपयुक्त आक्सीजन सप्लाई यकीनी बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की।
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