CAA पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार, 22 जनवरी को अगली सुनवाई
नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के विरोध में कुल 59 याचिका दायर की गई है, दायर याचिका को लेकर केंद्र सरकार (central government) को नोटिस जारी किया गया है, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सभी मामलों को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है। विपक्ष दल की तरफ से वकीलों की मांग है, तब तक (CAA) पर रोक लगा दी जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को की जाएगी।
CAA के खिलाफ कुल 59 याचिका दायर की गई
केंद्र सरकार (central government) द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन बिल (CAA) के खिलाफ कुल 59 याचिका दायर की गई है,,। याचिकार्ताओं में कई बड़े राजनेता (NGO) वरिष्ठ वकील शमिल है। सुप्रीम कोर्ट में 59 दायर की गई याचिकाओं में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए (CAA) को असंवैधानिक करार दिया गया है। तर्क दिया गया है कि यह कानून संविधान के आर्टिकल 14,21,25 का उल्लंघन करता है, साथ ही भारत की मूल भावना का भी उल्लंघन करता है।
इस कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।
वहीं इस नागरिकता सशोंधन बिल को लेकर दिल्ली के कई इलाकों में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की है और पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। इस पथराव में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सुचना वहीँ उग्र भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। प्रदर्शन को देखते भारी पुलसि बल को तैनात कर दिया गया है, और हालात पर काबू पाने के प्रयास किये जा रहे हैं। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है।
दोनों सदनों में पास होने के बाद लोगों का फूटा गुस्सा
बता दें कि हाल ही में संसद के दोनों सदनों से सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (Citizenship Amendment Bill) पास हो चूका है, जिसके बाद अब ये कानून बन चूका है। इस कानून के अनुसार पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और आफ्गानिस्तान (Afganistan) से आये हिन्दू, बौद्ध पारसी, इसाई और अन्य धर्मों के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी, जबकि मुस्लिमों को इससे दूर रखा गया है और इसी वजह से जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।