नई दिल्ली: हम साल 2021 में पहुंच चुके हैं और यह 5G का दौर है। 5G के बारे में पिछले करीब 2 सालों से चर्चा हो रही है और अब चीन, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है।
5G टेक्नोलॉजी का इंतजार भारत में हर कोई कर रहा है। लोगों के फोन और घरों तक पहुंचाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। Airtel इसमें लीडर की भूमिका निभा रहा है। हाल ही में टेलीकॉम ऑपरेटर के रूप में Airtel ने हैदराबाद में कमर्शियल नेटवर्क पर 5G का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
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लगभग 100 गुना 4G से है तेज
इसको इस तरह से सोचिए कि 4G नेटवर्क की स्पीड का 100 गुना 4G की तरह ही है। 5G भी उसी मोबाइल नेटवर्किंग पर आधारित है। यह एक सॉफ्टवेयर आधारित नेटवर्क है, जिसे वायरलेस नेटवर्क की स्पीड और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। यह तकनीक डेटा को भी बढ़ाती है, जो वायरलेस नेटवर्क को ट्रांसमिट किया जा सकता है।
5G की चुनौतियां
इस टेक्नोलॉजी को लाना काफी महंगा होने वाला है। नेटवर्क ऑपरेटर्स को मौजूदा सिस्टम हटाना पड़ेगा। क्योंकि इसके लिए 3.5Ghz से अधिक फ्रीक्वेंसी की जरूरत होती है। इसके अलावा, मिलीमीटर-वेव कम दूरियों में ज्यादा प्रभावी होता है। यह पेड़ों के द्वारा और बारिश के दौरान एब्जॉर्ब भी हो सकता है। इसका मतलब है कि 5G को ठोस तरीके से लागू करने के लिए आपको काफी ज्यादा हार्डवेयर लगाने की जरूरत होगी।