जनतंत्र डेस्क Bhopal: अपने अधिकारों और मूलभूत सुविधाओं को लेकर आज भी लोग जागरुक नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो ये समस्या और भी बड़ी हो जाती है। आज भी कई गांवों में खुले में शौच की समस्या बरकरार है और जहां शौचालय है भी तो लोग इसको लेकर जागरुक नहीं है। बात जब महिलाओं की आती है तो ये समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे में जनजागरुकता कार्यक्रम एक अहम कड़ी साबित होता है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के भोपाल में अनोखी रेस लगाई गई। इस दौड़ को नाम दिया गया ‘लोटा दौड़’
भोपाल जिला प्रशासन ने फंदा गांव में लोटा दौड़ का आयोजन किया। जिसमें 20 सास शामिल हुई थीं। इस अनोखी रेस में शामिल महिलाओं ने अपनी बहुओं के लिए लोटे में पानी भरकर रेस लगाई। दौड़ का मकसद था कि लोग लोटा लेकर खुले में शौच के लिए न जाएं। ये दौड़ अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों को जागरूक करने के लिए बुजुर्ग महिलाएं लोटा लेकर दौड़तीं नजर आईं। इस दौरान बहुएं और बेटियां मैदान में बैठकर ताली बजाती रहीं। इस दौरान गांव में माहौल किसी उत्सव जैसा था।
तीन महिलाएं बनीं विजेता
इस दौड़ में विजेता बनने वाली महिलाएं राधा प्रजापति, मंजू प्रजापति और अर्पिता प्रजापति हैं। जो तीनों पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। जीत के बाद तीनों महिलाओं को मेडल भी दिया गया। सास के इस अनोखी प्रतियोगिता के जीतने पर उनकी बहुओं ने उन्हें माला पहनाकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान बहुओं ने खुले में शौच न करने का संकल्प लिया।
इस दौड़ में शामिल होने वाली सभी सास का लक्ष्य अपनी बहुओं को खुले में शौच से जाने से रोकना था। दौड़ में सास को हाथ में पानी से भरा लोटा लेकर करीब 100 मीटर की दौड़ लगानी थी और आखिर में बहुओं के पास पहुंचकर पानी से भरे लोटे को फेंक देना था। लोगों में जागरुकता के लिए तरह तरह के अवेयरनेस कैंपेन चलाए जाते हैं। लेकिन बहुओं और उनकी सुरक्षा के लिए सास की ये अनूठी दौड़ वाकई सराहनीय है। भोपाल में इस तरह की ये पहली दौड़ देखी गई।