जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: तमिलनाडू के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन की बुरी खबर आ गई। इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। हादसे की वजह खराब मौसम माना रहा है। जहां ये हादसा हुआ वहां घने जंगल, पहाड़ी इलाका और लो विजिबिलिटी हादसे की मुख्य वजह थी।
चूंकी ये चॉपर वेलिंगटन जा रहा था वेलिंगटन का हेलिपैड जंगल और पहाड़ी इलाके के तुरंत बाद पड़ता है। इसलिए पायलट के लिए इसे दूर से देख पाना मुश्किल होता है। खराब मौसम ने इसे और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया। खराब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफी नीचे था। नीचे घने जंगल थे, इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई।
सबसे सुरक्षित हेलिकॉप्टर Mi-17V5
क्रैश होने वाला हेलिकॉप्टर सेना का Mi-17V5 था। जो बेहद सुरक्षित माना जाता है। इस हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन और सीओ रैंक के अधिकारी थे। ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर हो जाती है। हेलिकॉप्टर ट्विन इंजिन वाला था। यानि अगर एक इंजिन फेल हो जाता तो भी बाकी बचे दूसरे इंजिन से लैंडिंग की जा सकती थी।
एक्सपर्ट की मानें तो वेलिंगटन का हेलिपैड लैंडिंग के लिए आसान नहीं है। केवल चंद मील का पहाड़ है। जो दूर से दिखाई नहीं देता खराब मौसम और कम विजिबिलिटी में ये समस्या और बढ़ जाती है। इसलिए काफी नजदीक आने पर ही हेलिपैड नजर आता है। इसके बाद पायलट लैंडिंग का आखिरी फैसला करता है।
ये दर्दनाक हादसा तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार दोपहर को हुआ है। जिस हेलिकॉप्टर के साथ ये हादसा हुआ है वो भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 था। इसी हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सवार थे जिनकी इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है।