जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: साल 2021 शुक्रवार को चंद्रग्रहण जारी है। आज यानि 19 नवंबर के चंद्रग्रहण को दुनिया का सबसे लंबा चंद्रग्रहण कहा जा रहा है। 580 साल बाद इतना लंबा चंद्रग्रहण लगा है। नासा के मुताबिक़, ये आंशिक चंद्र ग्रहण 18 और 19 नवंबर की दरमियानी रात शुरू हुआ था। जब चंद्रमा कुछ घंटों के लिए पृथ्वी की छाया में ढक जाएगा।
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भारत में आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत 19 नवंबर 11 बजकर 34 मिनट से शुरू हो गया। ये ग्रहण 4 बजकर 17 मिनट तक दिखाई देगा। ये मौका 580 साल बाद आया है। ग्रहण की शुरुआत से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण माना जाता है।
भारत में उपछाया चंद्रग्रहण पूरे देश में नहीं देखा जा सकता है। भारत में पूर्वोत्तर के दो राज्यों में इस ग्रहण को कुछ ही देर के लिए देखा जा सकता है। सूर्यास्त के समय ही अरुणाचल प्रदेश और असम में इसे आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। माना जा रहा है कि आज लगने वाला चंद्र ग्रहण 580 साल बाद सबसे देर तक चलने वाला आंशिक चंद्रग्रहण है। खगोल वैज्ञानिक इतने लंबे चंद्रग्रहण के पीछे का कारण आज के दिन धरती से चंद्रमा की दूरी ज्यादा होने के कारण चंद्र ग्रहण की अवधि ज्यादा देर तक रहना बता रहे हैं।
कहां देखे ग्रहण
सूर्य ग्रहण हो या चंद्रग्रहण हमेशा इसे देखने के लिए उत्सुकता बनी रहती है। साल 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण देखने के लिए भी ऐसी ही उत्सुकता है। भारत में दिन होने और उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। बाकी जगहों पर जैसे-अमेरिका, पूर्वी एशिया, उत्तरी यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। आप You Tube पर सर्च करके ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं। भारत में दिखाई देने वाला चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगेगा।
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
ग्रहण एक खगोलिय घटना है लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण को अशुभ माना गया है। ऐसी मान्यताएं है कि ग्रहण के समय किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। साथ ही ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान की जरूरत होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब पापी ग्रह राहु और केतु ग्रहण के समय चंद्रमा का ग्रास कर लेते हैं। इस स्थिति में कुछ समय के लिए चंद्र पर ग्रहण लग जाता है। इससे चंद्र ग्रहण कहते हैं। वहीं विज्ञान के नजरिए से जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो इस दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ने लगती है।