जनतंत्र डेस्क, छत्तीसगढ़: इंसान को दो वक्त की रोटी न मिले तो वह गुजर बसर कर कुछ दिनों तक भूखा रह लेता है, लेकिन कुदरत की एक ऐसी देन है कि इंसान बिना पानी पीए नहीं रहा सकता। पानी तो हर किसी की जरूरत है चाहे वह इंसान हो या मवेशी। लेकिन आजादी के 74 साल बाद भी छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के शिवनाथपुर सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। आलम ये हैं कि यहां के लोग लकड़ी की खोल बनाकर गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।
विकास के दावों की पोल खोलती तस्वीर प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के क्षेत्र की है। जहां चार बार से विधायक रहने के बाद भी उनके क्षेत्र की जनता बिजली-पानी की समस्या से जूझ रही है। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र की शिवनाथपुर ग्राम पंचायत का आश्रित गांव आज भी साफ पानी के लिए तरसता है। न तो यहां सरकार ने सुध लेने की सोची और न ही उनके हुक्मरानों ने…यहां कई सालों से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई। यहां ग्रामीण बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों की समस्या को लेकर जब सरगुजा के जिला कलेक्टर संजीव कुमार झा से बात की गई तो उन्होंने दावा किया कि सरकार की सभी योजनाएं शिवनाथपुर ग्राम पंचायत में रहने वाले खास जनजाति के लोगों तक पहुंच रही हैं। फिर भी गांव में बिजली, पानी की समस्या है तो उन्हें दूर किया जाएगा।
बहरहाल नौकरशाहों ने तो दावा कर दिया लेकिन गांव के लोगों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। यहां के लोगों को इंतजार है कि कब सरकार की नजर पड़े और उनकी समस्याओं से निजात मिल सके..बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीण आज भी मोहताज हैं।