इतिहास में पहली बार किसी विधानसभा में ‘बाल सत्र’ हुआ। जिसमें देश-प्रदेश से 200 बच्चे विधायक और मंत्री बनकर पहुंचे।
जनतंत्र डेस्क Children’s day: बच्चे देश का भविष्य होते हैं। आज के बच्चे कल के डॉक्टर-इंजीनियर, कलाकार, खिलाड़ी और नेता हैं। आगे आने वाले समय में देश की तरक्की में ये ही भागीदार होते हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू की जंयती पर आज यानि 14 नवंबर को चिल्ड्रन डे मनाया जा रहा है। बच्चों के नाम इस खास दिन पर राजस्थान विधानसभा में ऐतिहासिक पहल की गई। यहां इतिहास में पहली बार ‘बाल सत्र’ हुआ। जिसमें देश-प्रदेश से 200 बच्चे विधायक और मंत्रियों की भूमिका में नजर आए।
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बाल सत्र का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। उनके साथ राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने इस सत्र की शुरूआत की। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि हमें बच्चों के मन की बात सुनकर उसके हिसाब से नीतियां बनाने पर सोचना होगा। केंद्रीय पंचायतीराज मंत्री के तौर पर जब मैं विदेश गया तो वहां लोकल सेल्फ गवर्नेंस पर चर्चा हो रही थी, वहां एक छात्र बैठा था। मैंने सोचा कि हमारे यहां लोकल सेल्फ गवर्नेंस में छात्रों को नहीं चुना जाता, छात्रों की समस्याओं को कौन उठाएगा?
‘बच्चों से पूछें कैसी सरकार चाहिए’
राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि, हमें बच्चों से पूछना चाहिए वो कैसी सरकार चाहते हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि, बाल सत्र में बच्चों ने अनुशासन के साथ सदन चलाया। हम तो सदन की कार्यवाही में डिस्टर्ब करते रहते हैं।
‘गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट बाल विधायकों का हंगामा’
विधानसभा के बाल सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही चली। प्रश्नकाल के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े सवाल पर गृहमंत्री के जवाब से बाल विधायक असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने वेल में आकर धरना देते हुए नारेबाजी की। शून्यकाल में नेटबंदी और नौजवानों के रोजगार से जुड़े मुद्दे उठे, नौजवानों से जुड़े मुद्दों पर सदन से वॉकआउट भी हुआ। बाल सत्र के दौरान सदन में बच्चों ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ जवाब दिए। वे मंत्रियों की तरह पूरी तैयारी के साथ सदन पहुंचे।