नई दिल्ली:- पडाेसी देश पाकिस्तान इस समय वित्तीय संकट के दौर से जुझ रहा है. कोरोना वायरस के कारण इस समय बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिवके अंतर्गत बनने वाले चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण कार्य कई महीनों से रुका हुआ है। पहले से ही इस प्रोजक्ट में अरबों डॉलर लगा चुके ड्रैगन की चिंताएं इसकी सुरक्षा और फंड की कमी के कारण ने और बढ़ा दी है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लाबाद की हालत काेराेना काल में बेहद खराब चल रही है. इस्लामाबाद की आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी है कि जब उसने एक रेल परियोजना के लिए अपने सदाबहार मित्र राष्ट्र चीन से वित्तीय मदद मांगी तो उसने इसके लिए अतिरिक्त गारंटी की मांग कर डाली. लेकिन अब चीन ने पाकिस्तान काे फंडिंग काफी कम कर दी है
साल-दर-साल चीन ने ऐसे घटाई कर्जे की रकम
एशिया टाइम्स ने अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के मुताबिक चीन ने इन दिनों पाकिस्तान को चीन से मिलने वाली कर्जे की रकम अब कम कर दी गई. बता दें कि 2016 में चीन की सरकारी चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने पाकिस्तान को 75 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया था। 2019 में यह रकम घटकर 4 बिलियन डॉलर पर आ गई थी। लेकिन साल 2020 में चीन ने पाकिस्तान को केवल 3 बिलियन डॉलर का ही कर्ज दिया है।
चीन ने सोच समझ कर लिया ये फैसला
अनुमान के मुताबिक चीन ने अपनी फंडिंग को काफी सोच समझकर बंद करने का फैसला किया है। चीन ने सीपीईसी में पाकिस्तान की तरफ से कई स्ट्रक्चरल कमजोरियां पाई हैं जिसनें चीन की चिंता को बढ़ा दिया है. वहीं कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जी-20 के देशों से कर्ज में रियायत की अपील भी की थी. यही कारण चीन को अपनी रकम डूबने का डर सताने लगा है।
चाह कर भी पाक को कर्ज नहीं दे सकता चीन
जी-20 देशों से कर्ज राहत के तहत पाकिस्तान ऊंची दरों पर वाणिज्यिक कर्ज नहीं ले सकता. चीन खुद भी इससे बंधा हुआ है. यही कारण है कि चीन चाहकर भी पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में वाणिज्यिक कर्ज नहीं दे पा रहा है. अगर चीन रियायती कर देता है तो उसे इस राशि पर ब्याज बहुत कम या मिलेगा ही नहीं.
भ्रष्टाचार से परेशान चीन-पाक
पाकिस्तान की एक खोजी वेबसाइट फैक्ट फोकस ने रिपोर्ट जारी करते हुए खुलासा किया था कि 60 अरब डॉलर के सीपीईसी प्रोजक्ट के चेयरमैन पाक सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने भ्रष्टाचार से 40 मिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति बना ली है। वहीं, चीन की कई बिजली कंपनियों ने सीपीईसी प्रोजक्ट के जरिए पाकिस्तान को जमकर चूना लगाया है। जिसमें गुपचुप तरीके से बिजली के दाम बढ़ाना और पूरी कमाई को रख लेना जैसी धाेखाधड़ी शामिल है. इस वजह से सीपीईसी में जारी भ्रष्टाचार पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए मुसीबत बना हुआ है।