नई दिल्ली : पूरे देश में हर तरफ कोरोना वायरस की दूसरी लहर जमकर तबाही मचा रही है। आए दिन कोरोना वायरस बढ़ी ही तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। ये वायरस कितना खतरनाक है, इसका आंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले 24 घंटे में तीन लाख से ज्यादा है। वहीं, मौसम में बदलाव भी हो रहा है।
ऐसे में किसी को अगर हल्का बुखार या फ्लू हो रहा है, तो उसे भी कोरोना का डर सता रहा है। तो चलिए आपको इन तीनों के बीच के अंतर को बताते हैं।
जानिए ये ख़ास बातें
दरअसल, जिन लोगों को फ्लू या फिर सर्दी-जुकाम की समस्या होती है। उनमें इन बीमारी के लक्षण आमतौर पर एक से चार दिन के अंदर दिखने लगते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कोरोना के लक्षणों को सामने आने में इससे ज्यादा समय यानी लगभग एक से 14 दिन का समय लगता है।
- इसके अलावा फ्लू के लक्षण मरीज में अचानक दिखने लगते हैं। लेकिन जो मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित होता है या उसे कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम होता है, तो ऐसी स्थिति में मरीजों में लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं।
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- अगर आपको खांसी है, बुखार है, सांस लेने में दिक्कत है और इसके साथ ही अगर आपके सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता भी चली जाती है, तो ये कोरोना वायरस का सबसे आम लक्षण माना जाता है।
- जबकि दूसरी तरफ फ्लू और सर्दी-जुकाम में ऐसा नहीं होता। इसमें नाक बंद जरूर होती है, जिससे सूंघने में दिक्कत होती है, लेकिन आपकी सूंघने की क्षमता पूरी तरह से खत्म नहीं होती।
- सांस लेने में दिक्कत, बुखार, गले में खराश, बदन दर्द, नाक बहना, सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता का खत्म हो जाना, डायरिया, ये सभी लक्षण कोरोना वायरस के हैं। वहीं, दूसरी तरफ बदन दर्द, नाक बहना, बुखार, गले में दर्द, नाक जमा हो जाना, थकान, ये सभी लक्षण सर्दी-जुकाम और फ्लू के हैं।