नई दिल्ली:Covid-19: देश में अब कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमण के नए मामलों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। लेकिन भारत में कोरोना की तीसरी लहर की चिंता के बीच वायरस के नए-नए वैरिएंट भी मुसीबत बने हुए हैं। 24 घंटों की बात करें तो यहां 42,766 मामले सामने आए हैं। इस दौरान 1206 लोगों की मौत हुई है। लेकिन मौत के आंकड़े अब डराने लगे हैं।
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Covid-19: अब कोरोना संक्रमण के कुल केस
पिछले 24 घंटों के दौरान 45,254 मरीज ठीक हुए हैं। देश भर में अब तक कुल 2,99,33,538 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही रिकवरी रेट बढ़कर 97.20 फीसदी हो गया है। अब तक देशभर में 37.21 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
लैम्बडा वायरस
14 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहचाना गया लैम्बडा वायरस का सातवां संस्करण था और 25 देशों में इसका पता चला है। नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि लैम्बडा स्वरूप पर ध्यान देने की जरूरत है और इसलिए इसका पता लगाया जा रहा है। कोरोना वायरस के लैम्बडा वेरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया है।
कप्पा वेरिएंट
WHO ने इस वेरिएंट को अब तक ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ नहीं कहा है। फिलहाल इसे वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा गया है। डेल्टा की तरह कप्पा भी अपने दो म्यूटेशंस EE484Q और L452R के चलते डबल म्यूटेंट है। बता दें कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज 109 सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की थी। इसी दौरान कुछ सैंपल में कप्पा वेरिएंट दिखा।
विशेषज्ञों के अनुसार कप्पा वैरिएंट दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट से अधिक संक्रामक है। लेकिन डेल्टा प्लस से कम खतरनाक है। इसके लक्षण भी खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राथमिक लक्षण हैं। इसके बाद अन्य लक्षण कोरोना वायरस के पूर्व के वैरिएंट की तरह ही हैं।
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