नई दिल्लीः COVID -देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अपना बचाव करना बेहद जरुरी है, एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोना का दूसरा और तीसरा म्युटेंट बहुत खतरनाक है. ऐसे में हमको मास्क का लेयर भी डबल कर लेना चाहिए. अमेरिका में भी जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तो वहां के विशेषज्ञों ने डबल मास्किंग पर जोर दिया था. भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर के बीच सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने डबल मास्किंग को प्रभावित बताया है।
COVID : क्या है डबल मास्किंग ?
बता दें की डबल मास्किंग हाल ही में चर्चा में है, दरअसल एक के बदले दो मास्क पहनने को डबल मास्किंग कहते हैं. हालांकि डबल मास्किंग का भी एक खास तरीका होता है. ऐसा नहीं है कि आप एक के ऊपर एक दो कपड़े के मास्क पहन लें या फिर कोई दूसरा एक तरह का मास्क पहन लें. डबल मास्किंग में पहले सर्जिकल मास्क और फिर कपड़े का मास्क पहनना होता है. सर्जिकल मास्क न हो तो कपड़े के दो मास्क भी पहनें जा सकते हैं, ये सिंगल मास्क से ज्यादा प्रभावी है।
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कैसे करें डबल मास्किंग ?
CDC की जानकारी के मुताबिक, एक सर्जिकल मास्क पर एक साधारण या कपड़े का मास्क होना चाहिए. पहले सर्जिकल मास्क लें और फिर दोनों कोने पर छोटी गांठें लगा दें. अब मास्क को पूरा खोलकर नाक के ऊपरी हिस्से से लेते हुए ठुड्डी तक फैलाएं. अब इस पर लगभग समान चौड़ाई का कपड़े का मास्क पहन लें. साथ ही इसे बार बार छूने से भी बचे।
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डबल मास्किंग के फायदे
डबल मास्किंग के दो फायदे हैं. मास्क चेहरे पर बेहतर तरीके से फिट हो जाता है. डबल मास्किंग से न तो खुद को और न ही दूसरों को किसी तरह के संक्रमण का खतरा रहता है. एक के ऊपर एक मास्क से चेहरा सील हो जाता है. वहीं डबल मास्किंग से बाहर की हवा फिल्टर होकर नाक में जाती है. CDC ने डबल मास्किंग पर स्टडी की. स्टडी में पाया गया कि डबल मास्क में हवा 85.4% तक फिल्टर हो जाता है. वहीं केवल सर्जिकल मास्क पहनने पर ये 56.1%, जबकि केवल कपड़े का मास्क पहनने पर ये घटकर 51.4% रह जाती है।
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