Economic Conditions : मनमोहन सिंह का मोदी वार ‘मंदी’ शब्द को नहीं स्वीकारती मोदी सरकार
नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा आर्थिक हालत (Economic Conditions) को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, एक कार्यक्रम में मनमोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार ‘मंदी’ जैसे शब्द को स्वीकार नहीं रही है और यही आज की सबसे बड़ी समस्या है. मोदी सरकार को पिछले कुछ दिनों में लगातार आर्थिक मोर्चे पर कई झटके मिले हैं, बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के साथ-साथ दुनिया की कई आर्थिक एजेंसियों ने भारत की जीडीपी के अनुमान को घटाया है, योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की किताब के लॉन्च पर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया।
Economic Conditions जैसे शब्द को नहीं स्वीकारती केंद्र सरकार
मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर पहले के योजना आयोग के आधार पर हम विकास की गति को आगे बढ़ाते, तो 2024-25 तक 5 ट्रिलियन इकॉनोमी का सपना पूरा हो सकता था, मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह बोले कि आज कई मुद्दों पर बातचीत करना जरूरी है, क्योंकि आज की सरकार मंदी (Economic Conditions) जैसे शब्द को स्वीकारती नहीं है, अगर आप मुश्किलों को पहचानोगे ही नहीं तो आप उनका सही जवाब किस तरह ढूंढ पाओगे, यही सबसे बड़ा खतरा है।
मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है
वही बता दें इससे पहले भी मनमोहन सिंह मोदी सरकार पर निशाना साध चुके है, देश में छाए आर्थिक मंडी को लेकर अब विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष अब मोदी सरकार के उन दावों पर सवाल खड़े करने लगी है, जिसमें सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की बेहतरी की बातें कही जाती थी। इसी क्रम में अब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने देश में छाई आर्थिक मंदी के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
आर्थिक मंदी मैन मेड क्राइसिस है
मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक मंदी मैन मेड क्राइसिस है, जो कुप्रबंधन के चलते पैदा हुई है। मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ 5 पर्सेंट रही है, जिससे पता चलता है कि देश लंबे स्लोडाउन के दौर में है। भारत के पास ज्यादा तेज गति से ग्रोथ की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन से हालात बिगड़े हैं। उन्होंने आर्थिक मंदी के लिए नोटबंदी और GST को जिम्मेदार ठहराया।