नई दिल्ली: Ram Navami 2021 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष चैत्र माह के नवरात्रि की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष रामनवमी का त्योहार बुधवार, 21 अप्रैल 2021 को है। रामनवमी पर भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण सहित हनुमान जी पूजा-आराधना की जाती है। इस तिथि पर मंदिर में जाकर भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और पुष्य नक्षत्र में अयोध्या के राजा दशरथ के यहां हुआ था। रामनवमी के दिन लोग बड़े उत्साह और उमंग के साथ मंदिर में पूजा पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। राम नवमी के अवसर कुछ मंत्रों के जाप करने से समस्याएं दूर होती है और सुख समृद्धि का वास होता है।
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था।
शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 21, 2021 को 12:43 ए एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 22, 2021 को 12:35 ए एम बजे
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राम नवमी पूजा विधि
नवमी की तिथि वाले दिन प्रात:काल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को शुद्ध करने के बाद पूजा आरंभ करें। हाथ में अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें। भगवान राम का पूजन आरंभ करें। पूजन में गंगाजल, पुष्प, 5 प्रकार के फल, मिष्ठान आदि का प्रयोग करें। रोली, चंदन, धूप और गंध आदि से षोडशोपचार पूजन करें। तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें। पूजन करने के बाद रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करना अति शुभ माना गया है। पूजा समापन से पूर्व भगवान राम की आरती करें।