नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में गोडसे के परम् भक्त और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ता बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chaurasia) ने हिंदू महासभा(Hindu Mahasabha) छोड़कर कांग्रेस पार्टी दामन थाम लिया है. बुधवार को भोपाल(Bhopal) में ग्वालियर से क्षेत्रीय विधायक प्रवीण पाठक के साथ मिलकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Kamalnath) के समक्ष कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है. कांग्रेस में शामिल होते ही बाबू लाल के सुर बदल गए.
आपको बता दें ग्वालियर नगर निगम में वार्ड नंबर 44 के ही पार्षद हैं। चौरसिया जिस वार्ड से पार्षद हैं, वहां देश का इकलौता नाथूराम गोडसे का मंदिर है. चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की है.
हिन्दू महासभा के नेता कांग्रेस में शामिल :
ग्वालियर के वार्ड 44 के पार्षद एवं हिन्दू महासभा के नेता श्री बाबूलाल चौरसिया आज प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए।
श्री चौरसिया जी का कांग्रेस परिवार में स्वागत है। pic.twitter.com/wIwQ3HBmil
— MP Congress (@INCMP) February 24, 2021
महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) के हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे(Nathuram Godse) की विचारधारा से ओतप्रोत रहे बाबूलाल चौरसिया(Babulal Chaurasia) अब महात्मा गांधी के विचारधारा के लोगों के साथ चले गए हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या कारण है गोडसे की विचारधारा छोड़कर अब आप कांग्रेस में चले गए हैं तो उनका जवाब था कि मैं तो पहले से ही कांग्रेसी था.
Babulal Chaurasia: गलत लोगों के साथ हूं
कांग्रेस में शामिल होने के बाद बाबू लाल चौरसिया ने कहा कि हिंदू महासभा ने षड्यंत्र करके मुझे अपने साथ बनाए रखा. जब मुझे लगा कि गलत लोगों के साथ हूं उनकी कार्यशैली मुझे पसंद नहीं आ रही थी इसीलिए मैंने हिंदू महासभा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बाबूलाल चौरसिया ने यह भी माना कि पिछली बार वार्ड 44 से मैं हिंदू महासभा के कार्यकर्ता के रूप में ही पार्षद बना था.
आगे उन्होंने कहा कि मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं. हिन्दू महासभा ने मुझे अंधेरे में रखकर गोडसे की पूजा कराई थी. पिछले 2-3 साल से मैं इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा था. मेरे मन में हिन्दू महासभा की विचारधारा समाहित नहीं हो सकी.