नई दिल्ली: Human Trafficking: रोहिंग्या महिलाओं और बच्चों की तस्करी त्रिपुरा सीमा से भी की जा रही है। इनमें एक बांग्लादेश और दो म्यांमार के रहने वाले हैं। दो रोहिंग्या लड़कियां भी पकड़ी गई हैं। तस्कर ब्रह्मपुत्र मेल से लड़कियों को दिल्ली ले जा रहे थे। पकड़े गए तीनों आरोपितों में एक बांग्लादेश और दो म्यामार के निवासी हैं। अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्याओं का यह गैंग मानव तस्करी के जरिए लोगों से पैसे वसूलता था।
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Human Trafficking: फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने वाले सिंडीकेट
यह गिरोह भी ठेके पर बांग्लादेशी व म्यामार के निवासियों को यहां लाकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान बदलकर फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने वाले सिंडीकेट का हिस्सा है। दोनों रोहिंग्या किशोरियों को लखनऊ स्थित आशा ज्योति केंद्र भेजा गया है।
(Human Trafficking) अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज
पूछताछ में यह बात सामने आई 2 महिलाएं नाबालिग लग रही हैं। पकड़े गए लोगों में 3 पीड़ित हैं, वहीं 3 अपराधी हैं। अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी वहीं महिलाओं को आशा केंद्र भेजा जाएगा मुख्य अभियुक्त मोहम्मद नूर त्रिपुरा का रहने वाला है, जिसका मूल पता बांग्लादेश है।
फर्जी पेपर्स के सहारे भारत लाए जा रहे रोहिंग्या
यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशातं कुमार ने बताया कि अवैध तरीके से यूपी में रह रहे रोहिंग्याओं को लेकर पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। बता दें, पहेल भी कई रोहिंग्या पकड़े गए थे। उन्होंने बताया कि खबर मिली थी कि एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह बांग्लादेश व म्यामांर के नागरिकों को भारत मे ला रहा था। फर्जी डॉक्युमेंट्स बनवाकर उन्हें दिल्ली-NCR में भी भेजा जाता था।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार बांग्लादेश निवासी मुहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम, म्यामार के निवासी रहमतउल्ला व शबीउर्रहमान उर्फ शबीउल्लाह को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध एटीएस के लखनऊ थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। नूर त्रिपुरा में रहकर मानव तस्करी कर रहा था। एटीएस ने बीते दिनों रोहिंग्या महिलाओं को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बने पासपोर्ट की मदद से मलेशिया भेजने वाले गिरोह को पकड़ा था।