नई दिल्ली : सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रिश्तों का इतिहास यूं तो ठीक ही रहा है और मुस्लिम देश होने के कारण दोनों के बीच दोस्ताना संबंध रहे हैं, लेकिन हाल यह है कि नाराज़ साऊदी अरब ने पाकिस्तान को तेल की सप्लाई न केवल रोक दी, बल्कि कर्ज़ों पर भी रोक लगा दी है यही नहीं, सऊदी अरब अब पाकिस्तान से वसूली के मूड में भी है। सऊदी अरब का कर्ज लौटाने की तैयारी कर रही है और इसके साथ ही दूसरे स्रोतों से भी कर्ज जुटाने की कोशिश कर रही है ताकि विदेशी मुद्रा भंडार 12 अरब डॉलर पर बना रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही डांवाडोल है और महंगाई चरम पर है, ऐसे में सऊदी का कर्ज लौटाना उसके लिए बेहद कष्टदायक होगा।

पाकिस्तान लगातार दबाव बना रहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब उसका साथ दे और भारत सरकार के कदमों को लेकर सख्त रवैया दिखाए इसी दबाव को लेकर पाकिस्तान ने यहां तक धमकी दे दी कि सऊदी अरब के वर्चस्व वाली संस्था ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कॉन्फ्रेंस अगर कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं देगी तो पाक मुस्लिम देशों के दूसरे धड़े के साथ याराना निभाएगा। अब यह चाल पाकिस्तान को महंगी पड़ रही है क्योंकि सऊदी अरब के पास भी शिकायतों का पिटारा है. उसने पाकिस्तान के कर्ज़ चुकाने के ढीले रवैये पर लगाम कसकर 1 अरब डॉलर की वसूली की है।