नई दिल्ली : कश्मीर देश का इकलौता राज्य हैं जहां केसर का उत्पादन होता हैं और यह दुनिया के मसालों में सबसे महंगा मसाला माना जाता है वहीं कश्मीर (kashmiri saffron) के साथ साथ अन्य देशों में भी इसकी पैदावारी की जाती हैं केसर पैदावारी के मामले में ईरान दुनिया का नंबर वन देश है दुनिया में जितना केसर उत्पादन होता है उसका 90 फीसदी सिर्फ ईरान में होता हैं।
कश्मीरी केसर (kashmiri saffron) मसालों में से सबसे लोकप्रिय मसाला हैं वहीं अब कश्मीरी केसर को भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री से (जीआई) टैग मिल चुका है पहले यह औपचारिक रूप से जीआई जर्नल में प्रकाशित किया गया था अब दस्तावेजों के अनुसार जीआई नंबर 635 के साथ भगवा पर जीआई टैगिंग को मंजूरी मिल गई हैं।
वहीं एक बार फिर कश्मीरी केसर को दुनिया के बाजारों में महंगा होने के नाते झटका मिला हैं क्योंकि ईरानी समेत कई देश अपने केसर को बाजारों में सस्ते दामों पर बेच रहें हैं जिसकी वजह से कश्मीरी केसर घाटे में हैं।
जानकारी के मुताबिक ईरान इस समय दुनिया में केसर का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो हर साल 30,000 हेक्टेयर भूमि पर 300 टन से अधिक की खेती करता है, कश्मीर दूसरे स्थान पर आता है, हालांकि वर्तमान में कश्मीरी केसर की कीमत लगभग 50% तक गिर गई हैं और ईरानी केसर को इस वक्त बाजारों से काफी मुनाफा मिल रहा है।
कश्मीरी केसर दुनिया भर के किसी भी अन्य केसर उत्पादकों की तुलना में अधिक औषधीय मूल्य वाले गुणों में श्रेष्ठ माना जाता है। कश्मीरी केसर दुनिया में औसत समुद्र तल से 1600 मीटर से 1800 मीटर की ऊँचाई पर उगाया जाने वाला एकमात्र केसर है, कश्मीरी केसर की खुद की एक पहचान रही हैं जो आज भी हैं उसके विशिष्ट गुण बताते हैं कि और देशों के केसर से अलग हैं कश्मीरी केसर जैसे उच्च सुगंध, गहरे रंग, लंबे और मोटे धागे (कलंक) के कारण युगों में अपना नाम प्राप्त किया है जो केवल जम्मू और कश्मीर में उगाए जाते हैं।