जनतंत्र डेस्क, चंडीगढ़: पूरे देश में पंजाब के सीएम की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के चर्चे फैले हुए हैं। सीएम भगवंत मान ने किसी को खबर किए बिना ही इस पर कार्यवाही करके जो तसवीर पेश की है, वह बहुत सराहनीय है। 2015 में भी एसा ही हुआ था। अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोप में अपने मंत्री को पद से हटा दिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विजय सिंगला का भेद खुला कैसे? और क्यूं सीएम मान ने उन्हें पद से हटा दिया? जानिए पूरा मामला।
विजय सिंगला ने एक ठेकेदार से कमीशन मांगा था। ठेकेदार के साथ उनकी बैठक हुई। ठेकेदार ने मीटिंग में हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद रिकॉर्डिंग सीएमओ को सौंप दी गई। मान ने इसके बाद सिंगला को अपने पास बुलाकर पूछताछ का फैसला किया। जब पूछताछ के दौरान रिकॉरडिंग चलाई गई तो उसमें एक शब्द शुकराना आया जिसे सिंगला ने खुद कुबूल किया के वह उनका कोर्डवर्ड था।
मंत्री ठेकेदार से अपने भतीजे को शुकराना देने को कह रहे थे। इसकी शिकायत के बाद मान ने उन्हें तत्काल पद से हटाने का फैसला सुनाया और मंगलवार को ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि मोहाली की अदालत ने विजय सिंगला को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। सिंगला के बाद ओएसडी प्रदीप कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल विजय सिंगला और ओएसडी दोनों पर ही आरोप हैं कि उन्होंने 58 करोड़ रुपये के एक ठेके ए लिए 1 फीसदी कमीशन की मांग की थी।