नई दिल्ली: Lightning Strike : बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरना काफी आम बात मानी जाती है। लेकिन ये सामान्य सी बात अक्सर लोगों की जान ले लेती है। उत्तर भारत के तीन बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों की जान चली गई। आप को बता दें कि बीजली की चपेट में आने से लगभग 70 लोगों की जान चली गई। आकाशीय बिजली गिरने से सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं।
Jagannath Rath Yatra 2021: जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू, पीएम मोदी ने दी बधाई, अमित शाह ने की आरती
कैसे होती है Lightning Strike?
आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाए हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है। जो सीधे धरती की तरफ आती है। इसकी ही वजह से कई बार हमें बिजली तड़तड़ाने की तेज आवाज सुनाई देती है।
बिजली पृथ्वी पर कैसे पहुंचती है?
आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचते ही ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वो आसानी से गुजर सके। बिजली जब लोहे के खंभों के अगल- बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।
Lightning Strike की संभावना कब होती है?
बारिश के मौसम में दोपहर के दौरान बिजली गिरने की आशंका सबसे अधिक रहती है। आकशीय बिजली से बचने के लिए बिजली के खंभों और हरे पेड़ से दूर रहें। अगर खुले आसमान के नीचे हों तो तुरंत कहीं छिप जाएं। किसी एक जगह पर भीड़ ना लगाए दूरी बनाकर खड़े रहें।
बिजली से कैसे बचाव करें?
आकाशीय बिजली से बचने के लिए बिजली मैकेनिक से कहकर घर में तडि़त आघात लगवाना चाहिए। बिजली तड़कते समय टीवी, रेडियो, कंप्यूटर सभी का मोडेम और पॉवर प्लग निकाल देंना चाहिए। इलेक्ट्रिक अप्लाएंसेस को ऑफ कर देना चाहिए। इस दौरान मोबाइल यूज करने से बचें। नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी ना खड़े हों और बिजली उपकरणों से दूर रहें।
Jagannath Rath Yatra LIVE | HM Amit Shah Performs ‘Aarti’ | Rath Yatra 2021 | Ahmedabad