नई दिल्ली : भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन और बढ़ा दिया है (Lockdown In Ramadan),यह लॉकडाउन तीन मई तक जारी रहेगा ऐसे में इस महीने से रमजान भी चालू होने वाले हैं कहां जा रहा है अगर 23 अप्रैल की रात को चांद निकला तो 24 अप्रैल को रमजान की शुरुआत हो जाएगी।
Lockdown In Ramadan – नमाज पढ़ने की इजाजत मस्जिदों में नहीं
वही आपको बता दें कि लॉकडाउन के बीच नमाज पढ़ने की इजाजत मस्जिदों में नहीं दी जाएगी। सभी मुस्लिम समुदाय के लोग घरों में बैठकर ही नमाज पढ़ेंगे। (Lockdown In Ramadan)उन्हें अपने घरों में ही इबादत और इफ्तार करना होगा। रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज तरावीह भी मस्जिदों में नहीं होगी।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने एडवाइजरी जारी किए उन्होंने कहा है कि लॉक डाउन का पालन करें इस महामारी से बचने के लिए खास दुआ करें रमजान में तरावीह की नमाज पढ़ें, एक मस्जिद में 5 आदमी से ज्यादा जमा ना हो, मस्जिदों के आसपास पर रहने वाले लोग सभी घर में नमाज पढ़े मस्जिदों में आने की बजाए।
मौलाना की अपील, कोई इंसान भूखा न रहे
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा- जैसे हर साल रमजान के महीन में जो लोग मस्जिद में इफ्तारी भेजते थे, वे इस साल भी करें, लेकिन मस्जिद की बजाय जरूरतमंदों के घर पहुंचाएं। रमजान में इफ्तार पार्टियां करने वाले इसकी रकम से गरीबों को राशन बांटें। रोजेदार इस बात को तय करें कि कोई भी इंसान भूखा ना रहे। जिन लोगों पर जकात फर्ज है, वे गरीबों में जकात जरूर बांटें।
बात करें सऊदी अरब की तो धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है , केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी मुस्लिम समाज से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की। उन्होंने घरों पर ही इबादत करने का अनुरोध किया। राज्यों के वक्फ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) केन्द्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष नकवी ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए सऊदी अरब सहित ज्यादातर मुस्लिम देशों ने भी रमजान के दौरान धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
इस्लामिक कैलेंडर चांद पर आधारित हैं
रमजान इस्लामिक कैलेंडर की माने तो रमजान का नौवां महीना है। इसके अगले दसवें महीने को शव्वाल कहा जाता है। इस महीने की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाते हैं। पूरी दुनिया के मुस्लिम इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए इस कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं। यह कैलेंडर चांद पर आधारित है।