जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: कोरोना की पहली लहर में मजदूरों के पलायन की देशभर से आई तस्वीरों से दिल सहम गया था। जब सोते सिस्टम ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। पैदल घर लौटते मजदूरों ने यातना भरे रास्ते तय किए। भूख से बिलखते बच्चे, हादसों में जान गंवाते…न जानें ऐसी कितनी ही खबरें हैं। लेकिन अब फिर से मजदूरों को वही डर सताने लगा है। तीसरी लहर में लॉकडाउन से पहले मजदूर पलायन करने लगे हैं।
मुंबई रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा लग गया। महाराष्ट्र में बढ़ते कोविड संक्रमण के बीच ये डर महामारी का नहीं भूखे मर जाने का है। पैदल हजारों किलोमीटर तय करने का है। हालात पहली लहर जैसे न बन जाए डर इस बात का है। इसलिए मजदूर अपना बोरिया-बिस्तर लेकर घरों की ओर लौटने लगे। ट्रेन का टिकट नहीं मिल रहा फिर भी मजदूर रेलवे स्टेशन पर ही हैं। जैसे तैसे घर पहुंच जाएं बस। अकेले मुंबई में पिछले 24 घंटे में 20 हजार से ज्यादा कोविड संक्रमित सामने आए हैं।
गुरूवार रात से ही प्रवासी मजदूर मुंबई के लोकमान्य तिलक रेलवे स्टेशन पर जमे हुए हैं। रात से डेरा जालने के बावजूद मजदूरों को टिकट नहीं मिला। इसके अलावा प्रवासियों को यहां पुलिस के डंडे भी खाने पड़े। लेकिन सिर पर सामान लादकर प्रवासी कामगार रेवले स्टेशन की ओर बढ़ रहे हैं। इन्हें डर है कि राज्य में कभी भी लॉकडाउन लग सकता है ऐसे में यहां रहेंगे तो भूखे मर जाएंगे। क्योंकी हिफाजत करने वाली पुलिस अभी डंडे बरसा रही है तो लॉकडाउन में कहां से सुध लेगी। टिकट की चिंता, घर लौटने की जल्दी भूख प्यास लेकिन सबसे जरूरी इनके लिए अपने घर अपने गांव पहुंचना है।