नई दिल्लीः आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियां है जिनका इस्तेमाल बड़ी से बड़ी बीमारी को ठीक करने के लिए किया जाता है लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक किसी भी औषधि को राष्ट्रीय औषधि का दर्जा नहीं मिला है. गिलोय को राष्ट्रीय औषधि का दर्जा दिलाने के लिए समाजसेवी हरपाल राणा पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं और पत्राचार के दौरान उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है।
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राष्ट्रीय औषधि दर्जा दिलाने की मांग
बता दें की गिलोय को लेकर अब कई लैबोरेट्रीयो में जांच चल रही है और बताया जा रहा है बहुत जल्द गिलोय को भारत में राष्ट्रीय औषधि का दर्जा मिल सकता है.गिलोय खासतौर पर कोविड-19 में बेहद कारगर साबित हुई है . कोविड-19 डेंगू चिकनगुनिया और कई बीमारियां ऐसी हैं जिसमें गिलोय अमृत के समान लोगों के लिए एक औषधि बनकर सामने आई है खास तौर पर कोरोना महामारी के समय में गिलोय के सेवन से कई लोगों की जान बची है।
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समाजसेवी हर पाल राणा
गौरतलब है की गिलोय के सेवन से इम्यूनिटी तो मजबूत होती ही है साथ ही कई तरीके की बीमारियों से भी लोगों को छुटकारा मिलता है यही वजह है कि पिछले 2 साल से लगातार समाजसेवी हर पाल राणा गिलोय को राष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के प्रयास में लगे हुए हैं और इस बाबत कई जगहों पर पत्राचार भी किया गया है।