नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए कुख्यात इमाम उर्फ इमामुददीन का पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने का इतिहास रहा है। 2009 में इमाम व उसके साथियों ने पीसीआर में तैनात हवलदार ओंकार को बेरहमी से पिटाई कर अधमरा कर दिया था जिससे वह 13 साल बाद भी आजतक कोमा में हैं। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती ओंकार जीवन व मौत से जूझ रहे हैं।
Delhi Crime: एक थप्पड़ जो मारा तो चाकुओं से कर डाले अनगिनत वार
पहले किया था हमला
हैरानी की बात है कि उक्त मामले में नंद नगरी पुलिस द्वारा इमाम को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया था पर कुछ महीने बाद ही उसे अदालत से जमानत मिल गई और उसने अपराध करना जारी ही रखा। अपराध करने पर जब-जब स्थानीय पुलिसकर्मियों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की उसने साथियों व परिजनों के साथ मिलकर उनपर जानलेवा करने से नहीं चूके।
स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार
20 मार्च की रात भी स्पेशल सेल ने जब उसे सराय काले खां बस अडडा के पास रूकने का इशारा किया तक उसने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में सेल की टीम ने उसके दोनों पैरों में गोली मार दबोच लिया। बताया जाता है कि 2009 में इमाम जब अपराध कर साथियों के साथ भाग रहा था तब कॉल मिलने पर पीसीआर में तैनात ओंकर ने पीछा कर उसे दबोच लिया था। इसपर गुस्से में उसने साथियों के साथ मिलकर उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी थी।