Nirbhaya के दोषियों की फांसी पर रोक के फैसले को चुनौती
नई दिल्ली : निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक के फैसले को केंद्र और तिहाड़ जेल प्रशासन ने बीते शनिवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी, केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई आज यानि रविवार के लिए तय की, शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चारों दोषियों से जवाब मांगा था न्यायमूर्ति सुरेश कुमार की पीठ ने केंद्र और तिहाड़ प्रशासन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की।
Nirbhaya दोषियों ने कानून का मजाक बनाया
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार ने चारों दोषियों मुकेश कुमार, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह को नोटिस जारी किया है, अदालत ने महानिदेशक और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को भी नोटिस भेजकर केंद्र सरकार की याचिका पर उनका रुख पूछा, महानिदेशक के वकील ने अदालत को बताया कि उसके आदेश का पालन किया जाएगा, सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि निर्भया (Nirbhaya) मामले में दोषियों ने कानून की प्रक्रिया को मजाक की तरह लिया है और फांसी को लंबित कराने में लगे हैं।
- निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक के फैसले को चुनौती
- केंद्र और तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी
- केंद्र सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई
निर्भया (Nirbhaya) के दोषी विनय की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है, सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति ने शनिवार को निर्भया गैंगरेप केस में चार दोषियों में से एक विनय की दया याचिका को खारिज किया, विनय के वकील एपी सिंह ने बुधवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी, विनय की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है।
फांसी टालने के लिए नियम 836 का हवाला
इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर टाल दी, सभी दोषियों को आज सुबह फांसी दी जानी थी, अब कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी, कोर्ट ने फांसी टालने के लिए नियम 836 का हवाला दिया, जो कहता है कि अगर दया याचिका लंबित है तो दोषी को फांसी नहीं दी जा सकती, ये फैसला एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने सुनाया।