नई दिल्ली : देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए प्रति वर्ष आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी NEET के पैटर्न में इस बार कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह परीक्षा जून से जुलाई के बीच पेन पेपर मोड में ही किसी तारिख में आयोजित कराई जा सकती है। शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे का कहना है कि अब काफी कम समय बचा है इसलिए अभी छात्रों को पेपर में बदलाव का नोटिस देना हितकर नहीं होगा। वैसे भी परीक्षा को आयोजित करने में कोरोना महामारी के कारण देरी हो गई है। अगर ऐसे में कोई बदलाव की घोषणा की जाएगी तो छात्रों को अधिक समय देना होगा जिससे अकादमिक सत्र और लेट हो जाएगा।
एक वर्ष में एक से अधिक बार NEET परीक्षा कराने पर हो रहा विचार
हालांकि शिक्षा मंत्रालय जेईई मेन्स परीक्षा की तरह ही नीट परीक्षा को भी एक वर्ष में एक से अधिक बार आयोजित करने पर विचार कर रहा है। लेकिन इसकी समय पर स्वास्थ्य मंत्रालय से सहमति नहीं मिल पायी है। खरे ने कहा कि जेईई मेन्स 2020 के सफलता पूर्वक आयोजन में 28 फीसद उम्मीदवारों को अपने अंक सुधारने का अवसर मिला था। जिसके बाद नीट परीक्षा की एक से अधिक बार एग्जाम आयोजित करने की मांग उठ रही है।
दूसरे अटेम्ट में स्कोर करने का अवसर मिलेगा
इसका दूसरा लाभ भी है अगर कोई नीट अभ्यर्थी किसी कारणवश एक अटेम्ट में अच्छा नहीं कर पाता है तो उसे दूसरे अटेम्ट में स्कोर करने का अवसर मिलेगा। इससे उसका साल बर्बाद नहीं होगा। एक से अधिक बार आयोजित करने पर इसे पेपर पेन मोड में आयोजित नहीं किया जा सकेगा।
इसे कम्प्यूटर आधारित परीक्षा में बदलना होगा। इसके लिए संबंधित हितधारकों से बैठक करनी होगी। क्योंकि जेईई नीट दोनों परीक्षाओं में भिन्नता है। कम्प्यूटर को जितना इंजीनियरिंग का छात्र समझता है शायद बॉयोलॉजी वाले छात्र को कम्प्यूटर समझने में समय लगे। इसलिए जब भी कम्प्यूटर आधारित नीट शुरू होगा तब छात्रों को 6-8 महीने का समय प्रक्टिस के लिए दिया जाएगा।