नोएडा : Noida Airport : कोरोना महामारी के संकट भरे समय के बीच यूपी से एक अच्छी खबर आ रही है। दिल्ली-एनसीआर के दूसरे एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अब जल्द ही शुरू होगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण की जमीन अधिग्रहण के लिए शासन ने सामाजिक समाघात निर्धारण एसआइए की अधिसूचना जारी कर दी है।
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को अध्ययन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विश्वविद्यालय 15 जून तक अध्ययन कार्य पूरा कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा।
1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें छह गांवों करौली बांगर, कुरैब, बीरमपुर, मुंढरह, रन्हेरा, दयानतपुर की 1185.69 हेक्टेयर जमीन किसानों की निजी है। इसका अधिग्रहण होगा, शेष सरकारी जमीन है। शासन अधिसूचित क्षेत्र की सरकारी जमीनों को औद्योगिक विकास प्राधिकरण में समाहित कर चुका है।
भेजा गया प्रस्ताव
किसानों की जमीन के अधिग्रहण के लिए यमुना प्राधिकरण ने जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था। इसकी जांच के बाद अधिसूचना जारी करने के लिए शासन को भेजा था। अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन विभाग एसपी गोयल ने सामाजिक प्रतिघात निर्धारण की अधिसूचना जारी की है।
जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति के अलावा इसके कारण उन पर पड़ने वाले सामाजिक आर्थिक प्रभाव का आंकलन, उनके पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन की योजना तैयार की जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण में अधिगृहीत भूमि पर एक रनवे बनाया जाएगा। इसके अलावा हवाई जहाजों की मेंटीनेंस, रिपेयर ओवरहालिंग एमआरओ की सुविधा विकसित की जाएगी।
2023 से शुरू करने का लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट के पहले चरण में गांव किशोरपुर, रन्हेरा, दयानतपुर, बनबारीवास, रोही, परोही की 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। इस पर टर्मिनल बिल्डिंग, कंट्रोल टावर पर दो रनवे बनाए जाएंगे। एयरपोर्ट से 2023 से यात्री सेवा शुरू करने का लक्ष्य है।