नई दिल्ली: उतर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वैलेंटाइन डे का इंतजार न केवल प्रेमियों को है। बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों को बेसब्री से इस दिन का इंतजार है। 16 जनवरी से चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान का पहला चरण लखनऊ में पूरा किया जा चुका है। अब कोरोना वायरस को हराने के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनने के लिए सभी को 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे का इंतजार है।
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32 हजार से अधिक लोगों को लग चुकी है वैक्सीन
ज्ञात हो कि प्रदेश भर में वैक्सीनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत भी हो चुकी है। पहले चरण में अब तक 51000 स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 32 हजार से अधिक को वैक्सीन लगाई गई है। 16 जनवरी को यानि पहले ही दिन 12 सौ स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 845 का टीकाकरण किया गया था। अब पहली डोज पा चुके इन सभी डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज पाने के लिए वैलेंटाइन डे का इंतजार है।
दूसरी डोज 28 दिन बाद वैलेंटाइन डे को लगेगी
इसके बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण हो सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में आंशिक एंटीबॉडी का निर्माण तो पहली डोज लगने के बाद से ही शुरू हो जाता है। लेकिन कोरोना वायरस से जंग के लिए सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी का मौजूद होना जरूरी है। इसलिए पहले डोज लगने के 28 वें दिन दूसरी डोज भी सभी को दी जा रही है। दूसरी डोज लगने के 14 दिनों बाद यानी पहली डोज के 42 वें दिन तक सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी शरीर में बन पाती है। इसलिए 16 जनवरी को पहली डोज लगवा चुके स्वास्थ्य कर्मियों को अब दूसरी डोज 28 दिन बाद वैलेंटाइन डे को लगेगी। उसके बाद सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू होगी।
पहली डोज से ही एंटीबॉडी बननी हो जाती है शुरु
लोहिया संस्थान में कोरोना के नोडल प्रभारी डॉक्टर पीके दास का कहना है कि पहली डोज लगने के बाद ही आंशिक एंटीबॉडी शरीर में बनने लगती है। मगर हर वायरस के मामले में एंटीबॉडी की जरूरत भी अलग-अलग होती है। कोरोना के मामले में शरीर में ऑप्टिमल एंटीबॉडी का होना जरूरी है। इसलिए दूसरी डोज भी दी जा रही है। ताकि कोरोनावायरस से जंग के लिए शरीर में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त मात्रा में हो।