जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिनभर के तमाशे के बाद शनिवार को पाकिस्तान में आखिरकार इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। दिनभर गहमागहमी रही लंबी जद्दोजहद चलती रही। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में इमरान सरकार गिराने के लिए विपक्ष को 172 वोट की जरूरत थी, प्रस्ताव के समर्थन में 174 सदस्यों का साथ मिल गया।
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इमरान खान जब सत्ता में आए तो उन्हें पाकिस्तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली उम्मीद के तौर पर देखा गया लेकिन 44 महीने बाद जब अविश्वास प्रस्ताव की वजह से इमरान को सत्ता से बाहर किया गया, तो ये सारी उम्मीदें उल्टी साबित हुईं। पाकिस्तान को बदहाल कर इमरान अपने साथ नाकामियां ही लेकर गए हैं।
महंगाई, जीडीपी रूपए का गिरना समेत कई वजह जिसके कारण इमरान से सत्ता छिनी। चलिए जानते हैं कि वे कौन सी प्रमुख वजहें रहीं, जिनकी वजह से सत्ता से बेदखल हुए इमरान?
सेना के साथ से मिली सत्ता लेकिन किया दरकिनार
2018 में पाकिस्तान में चुनावी जीत के साथ पीएम बनने वाले इमरान को शुरू से ही सेना का समर्थन हासिल था। उन आम चुनावों में धांधली के आरोप लगे और माना जाता है कि सेना की मदद से इमरान सत्ता पर कब्जा करने में सफल रहे। लेकिन सत्ता संभालने के कुछ ही महीनों बाद इमरान और सेना में दूरियां बनने लगी।
विदेश नीति में फेल
इमरान ने जहां भारत की विदेश नीति की तारीफ की तो वहीं जनरल बाजवा ने ने कश्मीर-विवाद को बातचीत से हल करने की पेशकश की। खुद इमरान विदेश नीति में फेल साबित हुए।
पाकिस्तान की बेहाल अर्थव्यवस्था
इमरान पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन अब जब वह जा रहे हैं, तो पाकिस्तान सबसे बदहाल स्थिति में है। इमरान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान की जीडीपी 315 अरब डॉलर से गिरकर 264 अरब डॉलर की रह गई है। महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस साल फरवरी में रिटेल महंगाई 12.2% और होलसेल महंगाई 23.6% तक पहुंच गई।
पाकिस्तानी रुपया लगातार कमजोर हो रहा है, इमरान के सत्ता संभालने के समय 1 अमेरिका डॉलर के मुकाबले 109 पाकिस्तानी रुपए की कीमत अब गिरकर 1 डॉलर के मुकाबले 186 पाकिस्तानी रुपए हो गई है।
खूब फला-फूला भ्रष्टाचार
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में भ्रष्टाचार और बढ़ा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को सबसे भ्रष्ट 180 देशों की सूची में 2021 में 140वां स्थान मिला था, इसमें 180वां स्थान दुनिया में सबसे भ्रष्ट देश का होता है। पाक की रैंकिंग 2018 में 117, 2019 में 120 और 2020 में 124 थी।
विपक्ष को कमतर आंकना
इमरान की सबसे बड़ी गलती इस साल जनवरी के बाद विपक्ष के मंसूबों में आए बदलाव को न भांप पाने की रही। विपक्ष ने इमरान और सेना के बीच चौड़ी होती खाई को मौके की तरह इस्तेमाल किया और एकजुट होकर इमरान पर हमला बोला।
उस्मान बुजदार की पंजाब सीएम पद पर नियुक्ति
इमरान ने सत्ता में आने के बाद 2018 में ही उस्मान बुजदार को पंजाब का सीएम नियुक्त किया था। लेकिन बुजदार इस पद के लिए अयोग्य साबित हुए।