भारत के खिलाफ पकिस्तान की साजिश , हाफ़िज़ समेत कई आतंकियों को किया रिहा
FTF से बचने चिन्हित आतंकी संगठनों के गुर्गे को जेल में दाल दिया था , लें अब कोरोना का हवाला देकर इन्हे रिहा कर दिया है।
एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है वहीं दूसरी तरफ पकिस्तान आतंकियों को पनाह दे रहा है। हालाँकि ,पकिस्तान विश्व में आतंकवाद के पनाहगार के रूप में विख्यात है। विश्व में लगभग 200 से अधिक मुल्क इस वक़्त कोरोना के क़हर को झेल रहे है अबतक लगभग २ लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। पाकिस्तान में इस महामारी ने आतंकी समूहों को ‘नायाब तोहफा ‘ ‘ (unexpected gift) दिया है।
लश्कर प्रमुख हाफिज सईद समेत कई आतंकी रिहा
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘एफएटीएफ की कार्रवाई के डर से आतंकी समूहों के जिन गुर्गों को जेलों में बंद कर दिया गया था अब उन्हें कोरोना वायरस के जोखिम का हवाला देकर रिहा कर दिया गया है। पाकिस्तान ने खुद को FTF द्वारा ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने के लिए इन खूंखार आतंकियों को जेल में डाल दिया था।’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लश्कर प्रमुख हाफिज सईद समेत ये आतंकी अब अपने घरों में आराम से रह रहे हैं और आतंकी हमलों की साजिश रच रहे हैं। बता दें कि पिछले महीने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया था कि लाहौर जेल के लगभग 50 कैदी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इन परिस्थितियों ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को रिहा किए जाने के लिए एक एंटीबायोटिक दवा का काम किया। मालूम हो कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को बिना कोई राहत दिए फिलहाल ग्रे लिस्ट में रखा है।’
एफएटीएफ की समीक्षा बैठक
अगले महीने आतंकवादी समूहों की फंडिंग के मसले को लेकर एफएटीएफ की समीक्षा बैठक है। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि ,जब पाकिस्तान में आतंकियों पर नियंत्रण किया जाना चाहिए तब उन्हें रिहा किया जा रहा है।तमाम हालात को देखते हुए पकिस्तान की मंशा कुछ ठीक नज़र नहीं आ रही है। देखना यह होगा कि एफएटीएफ पाकिस्तान के खिलाफ अब क्या रुख अख्तियार करता है। इस वक़्त जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान कोरोना पर है पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाते हुए आतंकियों को आजादी दे रखी है।
भारत को लेकर किसी बड़ी साजिश
गौरतलब है कि , भारत में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भारत में 370 ख़त्म होने के बाद से ही पकिस्तान घात लगाए बैठा है । पकिस्तान प्रायोजित आतंकी लगातार भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना लगातार भारत की सम्मान पर गोलीबारी कर रही है। पाकिस्तानी सेना हरसम्भवतः आतंकियों को भारत में घुसपैठ करवाना चाहती है। पकिस्तान की तरफ से घातक आतंकियों को छोड़ा और साथ ही भारत की सीमाओं पर लगातार गोलीबारी इस बात की तरफ संकेत देता है कि पाकिस्तान भारत को लेकर किसी बड़ी साजिश में लगा है। बीते कल ही पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन में भारत के दो जवान शहीद हो गए।
भारत विश्व में दवा भेज रहा , पाकिस्तान आतंकी
जम्मू-कश्मीर में आये दिन आतंकी हमले हो रहे हैं और भारतीय सेना के कई जवान भी शहीद हुए हैं। बीते 18 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए थे। इतना ही नहीं पिछले एक हफ्ते में भारतीय सुरक्षा बलों पर जिस तरह से लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं उससे एक बात साफ हो जाती है कि जहां पूरा विश्व कोरोना क़हर से दहशत में है वहीं पकिस्तान अपनी नापाक इरादों को पूरा करने में लगा है। सेना प्रमुख मनोज मुंकद नरवाणे ने कहा था कि “एक ओर भारत जहां दुनिया के मुल्कों की मदद के लिए उन्हें डॉक्टर और दवाएं भेज रहा है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान आतंकियों के निर्यात में जुटा है।”
वाल स्ट्रीट जर्नल का बड़ा खुलासा
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 20 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में कहा कि ,’टेरर फंडिंग के मसले पर एफएटीएफ की जून में होने वाली समीक्षा बैठक से पहले ही पाकिस्तान ने अपनी आतंकियों की सूची से हजारों नाम हटा दिए हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पाकिस्तान ऐसा करके एफएटीएफ की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है।’ इतना हीं नहीं न्यूयॉर्क स्थित एक रेगुलेटरी टेक्नोलॉजी कंपनी का कहना है कि ‘मार्च महीने में ही पाकिस्तान ने 1,800 आतंकियों के नाम सूची से हटाए हैं।’ इन सबके बीच अब एफएटीएफ का रिएक्शन महत्वपूर्ण होता है कि एफएटीएफ पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त फैसला लेता है या सब जान कर भी अनदेखा करता है।