नई दिल्लीः महाराष्ट्र के चंद्रपुर से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है, जहां एक परिवार को गांव की पंचायत के तुगलकी फरमान का शिकार होना पड़ा और इस कारण बेटियों को ही अपने मृत पिता की अर्थी को कंधा देना पड़ा. दरअसल गांव की जातपंचायत ने फरमान सुनाया था कि गांव का कोई भी शख्स इस मृत व्यक्ति को कंधा नहीं देगा. अगर किसी ने ऐसा किया तो उसे भी समाज से बहिष्कृत किया जाएगा।
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शादी ब्याह में नहीं जाता था मृतक परिवार
बता दें की चंद्रपुर के भंगाराम वार्ड में रहने वाले 58 साल के प्रकाश ओगले की लंबी बीमारी की के बाद मौत हो गई. प्रकाश ओगले की सात बेटी और दो बेटे हैं. बड़ा परिवार और माली हालत खराब होने की वजह से प्रकाश ओगले समाज के किसी भी कार्यक्रम में होने वाले शादी ब्याह में नहीं जा पाते थे, इसलिए जातपंचायत ने उन पर जुर्माना लगाया जिसे वो भर नहीं पाए।
जातपंचायत ने सुनाया फरमान
मृतक की बेटी जयश्री ओगले ने बताया कि उनके परिवार की माली हालत बेहद खराब थी. जिसकी वजह से उनके पिता समाज के किसी भी कार्यक्रम में नहीं जा पाते थे. क्योंकि किसी भी कार्यक्रम में आने- जाने के लिए पैसे लगते थे, इसलिए वो जा नहीं पाते थे. जातपंचायत ने फरमान सुनाया था कि समाज के किसी भी व्यक्ति ने कंधा दिया तो उसे भी समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
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प्रकाश ओगले के मौत के बाद रिश्तेदारों को खबर दी गई पर पंचायत के फरमान की वजह से कोई रिश्तेदार उनके घर नहीं आया. जिसके बाद MPSC की तैयारी कर रही बेटी जयश्री ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी बहनों को साथ पिता की अर्थी को कंधा देकर जातपंचायत को करारा जवाब दिया. इसलिए बेटियों ने ही अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया।