Pandit Nehru: 56वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी और राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
हिंदुस्तान को अंग्रेज़ों से 1947 में आज़ादी मिली थी. इस आज़ादी श्रेय बहुत से जानेमाने चेहरों और गुमनाम लोगो को जाता हैं. 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान आज़ाद हुआ, आज़ाद हिंदुस्तान के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बनें. पंडित नेहरू (Pandit Nehru) का हिंदुस्तान को अकार देने में और इसकी नींव रखने में अहम योगदान हैं. लेकिन 27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरू हम सब को छोड़ कर चले गए. बुधवार को पंडित नेहरू की 56वीं पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर देश के सभी छोटे बड़े नेताओं ने उन्हें ट्विटर के माध्यम से श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर राहुल गाँधी ने भी ट्वीट करके पंडित नेहरू को याद किया और उनके योगदान के लिए नमन किया.
Tributes to our first PM, Pandit Jawaharlal Nehru Ji on his death anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 27, 2020
56वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी और राहुल गाँधी ने किया याद-
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 56वीं पुण्यतिथि पर उन्हें देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उन्हें उनके प्रपौत्र राहुल गाँधी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. राहुल गाँधी ने ट्विटर पर उनकी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, “पंडित जवाहर लाल नेहरू जी एक बहादुर स्वंतत्रता सेनानी, आधुनिक भारत के निर्माता और हमारे पहले प्रधानमंत्री थे. उन्होंने देश को ऐसे बड़े संस्थान दिए जो वक्त पर हमारे काम आ सके. उनकी पुण्यतिथि पर मैं देश के महान बेटे को नमन करता हूं.” 27 मई 1964 को 74 साल की उम्र में पंडित नेहरू की हार्ट अटैक से करीब 2 बजे मृत्यु हो गयी थी. बता दें की पंडित नेहरू करीब 17 साल हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री थे.
Pandit Jawaharlal Nehru Ji was a brave freedom fighter, the architect of modern India & our first PM. A visionary, he is immortalised in the world class institutions he inspired, that have stood the test of time.
On his death anniversary, my tribute to this great son of India. pic.twitter.com/ZNUF4ksiDF
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2020
इलाहाबाद में हुआ था जन्म-
पंडित जवाहर लाल लेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था. उनके मोती लाल नेहरू उस समय के बड़े वकीलों में गिने जाते थे. पंडित नेहरू ने कैंब्रिज से नेचुरल सइंसेस में ग्रेजुएशन की थी जिसके बाद उन्होंने भी पिता की तरह वकालत की. पंडित जी हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के बड़े सैनानियों में से एक थे. वह लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे. उन्हें 1955 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. आज़ादी के तुरंत बाद हिंदुस्तान भुखमरी, गरीबी और अशिक्षा के दौर से गुज़र रहा था, उस समय पंडित नेहरू के प्रयासों ने देश को प्रगति का रास्ता दिखाया था. उनकी नीतियों की वजह से हिंदुस्तान में कृषि और उद्योग की नई शुरुआत हुयी थी.