जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। आज संसद का तीसरा दिन है। दोनों सदनों में कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। सदन में 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल भड़के हुए हैं। विपक्ष लगातार सांसदो का निलंबन रद्द करने की मांग कर रहा है। उधर सभापति माफी की शर्त पर निलंबन रद्द करने को तैयार हैं लेकिन सांसद माफी मांगने को तैयार नहीं। वहीं, संसद की कार्यवाही कृषि कानून वापसी आंदोलन के दौरान किसानों की मौत मामला भी गूंजा जिस पर विपक्ष ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की।
कृषि कानून वापसी को लेकर किए गए आंदोलन में किसानों की मौत और मुआवजे को लेकर सरकार ने मंगलवार को संसद में जवाब दिया। कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछा था कि सरकार के पास ऐसा कोई आंकड़ा है, जिसमें प्रभावित परिवारों का जिक्र हो या फिर उनकी मदद के लिए कोई प्रस्ताव हो। इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता है।
दीपेंद्र हुड्डा ने की मांग
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता और MSP की कानूनी गारंटी पर चर्चा की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने सदन को सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है। वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने सदन में स्थगन प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव खाद्यान्न, तेल, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा के लिए भेजा गया है।